संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत का विरोध कर रही करणी सेना ने रिलीज की तारीख 25 जनवरी सामने आते ही अपनी मुखालफत तेज कर दी है. हाल ही में संगठन के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कल्वी ने गुरग्राम में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि मूवी हॉल मैनेजर हमारे ‘जनता कर्फ्यू’ का सपोर्ट करें. सबसे पहले उन्हें तय करना होगा कि वो खिलजी हैं या पद्मावती? वो देश के साथ या फिर देश के खिलाफ. वो राम का साथ देंगे या फिर रावण का?
लोकेंद्र सिंह कल्वी ने बताया कि संजयलीला भंसाली ने हमें फिल्म देखने का न्यौता भेजा है. वो सोच रहे होंगे कि हम इसे ठुकरा देंगे. लेकिन ऐसा नहीं होगा. हम फिल्म देखने जरूर जाएंगे. उन्होंने मुझे जो लेटर लिखकर स्क्रीनिंग के लिए बुलाया है उसमें स्क्रीनिंग की तारीख नहीं दर्ज है. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म हमें चार से पांच सालों में दिखाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि हम फिल्म देखने जरूर जाएंगे. सेंसर बोर्ड ने यह मूवी चुने हुए तीन लोगों को दिखाई, हम लोग चाहते हैं यह मूवी पत्रकारों को दिखाई जाए. उसके बाद सभी लोगों की राय सुनी जाए.
इस फिल्म को 9 राज्यों (बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, उत्त्रांचल) में बैन किया गया है. चार बीजेपी शासित राज्यों ने विरोध का बिगुल बजा दिया है. लोकेंद्र सिंह कल्वी ने यह साफ कर दिया कि सिनेमाघर के मालिकों ने हमें साफ कर दिया है कि वो फिल्म नहीं दिखाएंगे. हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उम्मीद करते हैं कि जल्द मामले पर हमारा पक्ष सुना जाएगा.
अब खबरें आ रही हैं कि पद्मावत को बैन करने को लेकर अब राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. इस मामले पर 23 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट करेगी सुनवाई. इन राज्यों ने एक SC में एक संशोधन याचिका दायर की है. इस मामले में हरिष साल्वे वायाकॉम की सुनवाई के लिए मौजूद थे. वहीं हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि पद्मावत की स्क्रीनिंग होने पर सरकार की तरफ से पूरी सुरक्षा दी जाएगी. हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं.