जोक्स और शायरी फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था By Editor - March 27, 2019 0 जगमगाते शहर की रानाइयों में क्या न था, ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था, हम वही, तुम भी वही, मौसम वही, मंज़र वही, फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने कभी सोचा न था।