वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। अपने बजट भाषण में उन्होंने गांव और किसानों के विकास से लेकर गरीब, अमीर, सड़क, रेल, हवाई सेवा, शिक्षा, स्वास्थ, रक्षा और टैक्स सुधार की बात की। नोटबंदी और कैशलेस भुगतान का भी जिक्र किया गया। इस दौरान अरुण जेटली ने इनकम टैक्स में 3 लाख तक आय वालों को टैक्स से छूट दी।
– राजनीतिक दल किसी व्यक्ति से 2,000 रुपये से अधिक नकद चंदा नहीं ले सकेंगे।
– तीन लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर कर की दर 10 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई।
– पचास से एक करोड़ रुपये तक की सालाना आय पर दस प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाएगा।
– एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार बना रहेगा।
– रक्षा क्षेत्र के लिए 86,484 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय सहित कुल 2,74,114 करोड़ रुपये का आवंटन।
– पांच लाख रुपए तक की आय पर कर स्लैब दस प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत
– कटैगरी वन और कटैगरी टू के विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए अप्रत्यक्ष हस्तांतरण का प्रावधान का प्रस्ताव।
– भारत इंटरनेट के तहत एक लाख 50 हजार किलोमीटर फाइबर केबल बिछाई गई। अगले साल के लिए डेढ़ लाख गांवों में फाइबर केबल के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान।
– स्टार्टअप के लिए पहले पांच साल की जगह अब पहले सात साल में से तीन इनकम टैक्स में छूट का प्रावधान।
-इनकम टैक्स में छूट के लिए स्टार्टअप कंपनियों में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी की बाध्यता में रियायत।
– नोटबंदी के दौरान 1 करोड 9 लाख खातों में 2 लाख से 80 लाख रुपये तक जमा हुए।
– वर्ष 2016-17 में लगातार दूसरे साल प्रत्यक्ष कर राजस्व में 17 प्रतिशत वृद्धि हासिल।
– संगठित क्षेत्र में काम करने वाले 4.2 करोड़ लोगों में से केवल 1.74 करोड़ लोगों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किया।
– वित्त वर्ष 2015-16 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 3.7 करोड़ लोगों में से 99 लाख लोगों ने अपनी आय छूट सीमा से कम दिखाई।
– एफपीआई को अप्रत्यक्ष हस्तांतरण प्रावधानों से मिलेगी छूट।
– डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न प्रकार की पीओएस और आयरिश रीडर मशीनों पर शुल्कों में छूट।
– प्रधान डाकघरों से भी जारी किए जाएंगे पासपोर्ट।
– सार्वजनिक क्षेत्र में एक बड़ी एकीकृत तेल कंपनी खड़ी की जाएगी जो कि दुनिया की दूसरी वैश्विक तेल कंपनियों के मुकाबले की होगी।
– वर्ष 2017-18 के बजट में खर्च के योजना, गैर-योजना वर्गीकरण को समाप्त किया गया ताकि बेहतर तस्वीर पेश की जा सके।
– सौर ऊर्जा विकास के दूसरे चरण की होगी शुरुआत, 20000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य।
– वर्ष 2018 में उच्च-गति का ब्रांडबैंक उपलब्ध कराने के वास्ते भारत नेट प्रोजैक्ट के लिए 10000 करोड़ रुपये का आवंटन।
– गन्ना बकाया के भुगतान के लिए 9,000 करोड़ रुपये अधिक आवंटन।
– कच्चे तेल के रणनीतिक आरक्षित भंडार पहले से तैयार तीन स्थानों के अलावा ओडिशा और राजस्थान में भी बनाये जायेंगे।
– दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों पर परिचालन शुरू होगा। इनका विकास पीपीपी माडल के तहत होगा।
– रेल के किराये—भाड़े का निधार्रण लागत, सामाजिक जिम्मेदारी तथा प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया जाएगा।
– रेल कोच से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार का कोच मित्र सुविधा का प्रस्ताव।
– वर्ष 2017—18 में कुल 21,47,000 करोड़ रुपये के व्यय का बजट : जेटली
– दिल्ली और जयपुर में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र होंगे और पांच अन्य को बाद में स्थापित किया जाएगा।
– रक्षा क्षेत्र के लिए 86,484 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय सहित कुल 2,74,114 करोड़ रुपये का आबंटन। इसमें पेंशन राशि शामिल नहीं : वित्त मंत्री
– वर्ष 2017—18 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.2 प्रतिशत तथा 2018—19 में तीन प्रतिशत रखने का लक्ष्य।
– राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को 4.11 लाख करोड़ रुपये के संसाधनों का अंतरण: जेटली
– ओडिशा और राजस्थान में कच्चे तेल के रणनीतिक भंडार स्थापित किए जाएंगे। यह पहले से निर्मित ऐसे तीन भंडारों से अलग होंगे : वित्त मंत्री
– अगले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा जीडीपी का 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
– देश से धन लेकर विदेश भाग जाने वाले लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बनाएगी सरकार
– अब 90 प्रतिशत से अधिक एफडीआई प्रस्तावों को स्वत: मार्ग से मंजूरी दी जा रही है।
– सरकार गरीब और निदोर्ष निवेशकों के संरक्षण के लिए बहु राज्य सहकारी कानून में संशोधन करेगी।
– सार्वजनिक निजी भागीदारी में बनायी जाने वाली बुनियादी ढांचा योजनाओं से जुड़े विवाद संस्थागत तरीके से हल किए जाएंगे।
– बुजुर्गों के जमा आठ प्रतिशत ब्याज की गारंटी।
– देश में पांच विशेष पर्यटन जोन राज्यों की साझेदारी से स्थापित होंगे।
– प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिये 19 हजार करोड़ रुपये।
– बीते वर्ष में भारत विश्व का छठा सबसे बडा देश बना: बजट 2017
– झारखंड और गुजरात में एम्स खुलेंगे।
– राज्यों और विधानसभाओं वाले संघ शासित राज्यों को 3.6 लाख करोड रुपए से बढ़ाकर 4.11 लाख करोड रुपए का भुगतान
– आर्थिक अपराधियों की सम्पत्ति जब्त करने के लिए नया कानून बनेगा।
– सरकारी संस्थानों में तय राशि के बाद डिजिटल भुगतान जरूरी होगा।
– रिजर्व बैंक ने मौजूदा बोर्ड की जगह बनेगा भुगतान नियामक बोर्ड।
– प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में दी गई रियायतों से सरकार को 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व का शुद्ध नुकसान : जेटली
– छोटे कारोबारियों के लिए अनुमानित कर देनदारी के लिए कारोबारी सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई।
– छोटी कंपनियों पर कर में कटौती से 7,200 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा।
– अचल संपत्ति पर दीर्धावधि के पूंजीगत लाभ कर की तीन साल की अवधि को घटाकर दो साल किया गया। आधार वर्ष एक अप्रैल 1981 से एक अप्रैल 2001 किया गया।
– इलैक्ट्रॉनिक भुगतान के विनियमन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के तहत ही भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह भुगतान एवं निपटान प्रणाली में नियमन एवं निगरानी बोर्ड का स्थान लेगा।
– सरकार ने तीन लाख रुपये से अधिक के लेनदेन में नकदी के प्रयोग पर पाबंदी की कालेधन पर एसआईटी की सिफारिश को स्वीकार किया। आयकर कानून में इसके लिए संशोधन किया जाएगा : वित्त मंत्री
– एलएनजी पर मूल सीमा शुल्क पांच से घटाकर ढाई प्रतिशत किया गया।
– मुद्रा योजना के तहत वित्त वर्ष 2017—18 में 2.44 लाख करोड़ रुपये वितरण का लक्ष्य
– 1.48 लाख बैंक खातों में 80 लाख रुपये से अधिक की राशि जमा की गई। औसतन प्रत्येक खाते में 3.31 करोड़ रुपये जमा हुए: वित्त मंत्री
– बजट में आवास क्षेत्र के लिए कर में कई रियायतें।
– 50 करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर कंपनी आयकर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई ।
– टेली-मेडिशन और शिक्षा के प्रसार के लिए डिजि गांव पेश होंगे
– पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक 1.09 करोड़ बैंक खातों में दो लाख रुपये से लेकर 80 लाख रुपये तक की राशि जमा कराई गई। प्रत्येक बैंक खाते में औसतन 5.03 लाख रुपये जमा किए गए।
– वित्तीय क्षेत्र की साइबर सुरक्षा के लिए कंप्यूटर आपातकाल रिस्पांस टीम बनायी जाएगी।
– चालू वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में अग्रिम व्यक्तिगत आयकर भुगतान में 34.8 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है।
– विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) समाप्त होगा।
– वर्ष 2017-18 में कुल 21,47,000 करोड़ रुपये के व्यय का बजट : जेटली
– अब 90 प्रतिशत से अधिक एफडीआई प्रस्तावों को स्वत: मार्ग से मंजूरी दी जा रही है।
– सार्वजनिक निजी भागीदारी में बनाई जाने वाली बुनियादी ढांचा योजनाओं से जुड़े विवाद संस्थागत तरीके से हल किए जाएंगे : वित्त मंत्री
– सरकार गरीब और निर्दोष निवेशकों के संरक्षण के लिए बहु राज्य सहकारी कानून में संशोधन करेगी : वित्त मंत्री
– रेल के किराये—भाड़े का निधार्रण लागत, सामाजिक जिम्मेदारी तथा प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया जाएगा।
– वर्ष 2017—18 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.2 प्रतिशत तथा 2018—19 में तीन प्रतिशत रखने का लक्ष्य
– अगले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा जीडीपी का 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
– देश से धन लेकर विदेश भाग जाने वाले लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बनाएगी सरकार।
– दिल्ली और जयपुर में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र होंगे और पांच अन्य को बाद में स्थापित किया जाएगा।
– राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को 4.11 लाख करोड़ रुपये के संसाधनों का अंतरण: जेटली
– ओडिशा और राजस्थान में कच्चे तेल के रणनीतिक भंडार स्थापित किए जाएंगे। यह पहले से निर्मित ऐसे तीन भंडारों से अलग होंगे : वित्त मंत्री
– बेघरों के लिए 2019 तक एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य : जेटली
– प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह में 36 प्रतिशत वृद्धि, जनवरी में विदेशी मुद्रा भंडार 361 अरब डॉलर जो 12 महीनों की जरूरत के लिए पर्याप्त : जेटली
– सभी 648 कृषि विज्ञान केंद्रों में योग्य स्थानीय उद्यमियों द्वारा सूक्ष्म मदा परीक्षण प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी : जेटली
– यूजीसी में सुधार करेगी सरकार : जेटली
– दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 2017—18 में 2,814 करोड़ रुपये : जेटली
– ग्रामीण एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 2017—18 में 1,87,223 करोड़ रुपये का प्रावधान : जेटली
– नोटबंदी का असर अगले वित्त वर्ष में जाने की आशंका नहीं : जेटली
– वर्ष 2017—18 में मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान। 2016—17 में इसके लिए 38,500 करोड़ रुपये रखे गए थे।
– मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ऋण से जुड़ी सब्सिडी योजना की अवधि 15 से बढ़ाकर 20 साल की।
– कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान।
– 2019 तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा। 50,000 ग्राम पंचायतों को भी गरीबी मुक्त किया जाएगा।
– चालू खाता घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में घटकर 0.3 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में यह एक प्रतिशत था।
– हम गरीबों की भलाई के लिए आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाते रहेंगे : जेटली
– अनुबंधित खेती के लिए एक आदर्श कानून बनाया जाएगा।
– विश्व बैंक का अनुमान 2017—18 में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत तथा 2018—19 में 7.8 प्रतिशत रहेगी।
– फसल बीमा योजना के लिए 2017—18 में 9,000 करोड़ रुपये का प्रावधान। इस योजना का कवरेज 2016—17 के 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 2017—18 में 40 प्रतिशत तथा 2018—19 में 50 प्रतिशत करने का लक्ष्य : जेटली
– किसानों की आय दोगुनी करने, युवाओं को रोजगार के लिए सक्षम बनाने और डिजिटल अर्थव्यवस्था सहित बजट में 10 बिंदुओं पर जोर
– बजट में कृषि रिण के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य : जेटली
– रेल बजट को आम बजट में मिलाना ऐतिहासिक कदम। इससे रेलवे सरकार की राजकोषीय नीति के केंद्र में आ गई है : जेटली
– बजट में ग्रामीण इलाकों, गरीबी उन्मूलन व बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने पर जोर :जेटली
– बैंकों में बढ़ी जमा से ब्याज दरों को नीचे लाने में मदद मिलेगी : जेटली
– गांधी जी ने कहा था कि सही दिशा में उठाया गया कदम कभी असफल नहीं होता : वित्त मंत्री
– नोटबंदी अर्थव्यवस्था को साफ सुथरा और स्वच्छ बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में से एक। इसके दीर्घकालिक फायदे मिलना तय : जेटली
– नोटबंदी साहसिक और निणार्यक फैसला : जेटली
– हम विवेकाधीन प्रशासन से नीति आधारित प्रशासन की ओर मुड़ चुके हैं: जेटली
– दोहरे अंक की मुद्रास्फीति नियंत्रण में, सुस्त वद्धि तेज वद्धि में बदली, कालेधन के खिलाफ लड़ाई छेड़ी: जेटली
– विश्व के चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदश्य में भारत चमकता सितारा: जेटली
– सरकार आर्थिक वृद्धि का लाभ किसानों और कमजोर वर्गों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध: जेटली