बाढ़ तथा अतिवृष्टि से निपटने के लिए योजनाबद्ध ढंग से समय पूर्व तैयारी की जाए कलेक्टर ने बैठक में दिए निर्देश

0

आगामी वर्षा के पूर्व जिले में बाढ़ तथा अतिवृष्टि से निबटने के लिए पहले से ही योजनाबद्ध ढंग से तैयारी की जाए। बाढ़ संभावित नदियों, तालाबों, पुल-पुलियाओं को चिन्हित किया जाकर घटना, दुर्घटना को रोकने के लिए सुनियोजित ढंग से कार्य किया जाना है। यह निर्देश कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने आज बाढ़ आपदा प्रबंधन बैठक में अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी, सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप केरकेट्टा, अपर कलेक्टर श्रीमती जमुना भिड़े, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री सुनील पाटीदार, एसडीएम, तहसीलदार, तथा अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर ने सभी एसडीएम से उनके अनुभाग क्षेत्र में बाढ़ आपदा से प्रभावित होने वाले तालाबों, सड़कों, पुल-पुलिया, जर्जर भवनों की जानकारी लेते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। रतलाम ग्रामीण अनुभाग द्वारा क्षेत्र के मलवासा, बांगरोद तालाबों की जानकारी दी गई जहां आवश्यक मरम्मत कार्य किए जाना है। इसी प्रकार रतलाम शहर अनुभाग द्वारा डेलनपुर का नाला, गोपालपुरा की रपट, जुलवानिया रपट, घटला तालाब, अमलेटा तालाब, नगरा तालाब, जड़वासा तालाब, जड़वासा खुर्द स्टॉप डेम की जानकारी दी गई जहां जल संरचनाओं के वेस्ट वियर का सुधार आदि करना है या अन्य मरम्मत आवश्यक है। इसके अलावा बाजनखेड़ा रोड से घरों में पानी भरने, सागोद में जीर्ण-शीर्ण टंकी, पंचायत भवन जड़वासाकला का स्वास्थ्य भवन, घटला की पुरानी टंकी इत्यादि की जानकारी दी गई जो जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं। कलेक्टर द्वारा जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्मत नहीं होने की स्थिति में उनको धराशाई करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने बैठक में जिला कमांडेंट होमगार्ड को भी आवश्यक तैयारियों के निर्देश दिए। होमगार्ड दलों के पास आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार नगर पालिका और नगर परिषद के पास भी बाढ़ आपदा की स्थिति में आवश्यक उपकरण जैसे टॉर्च, रस्सा, लाइफगार्ड, जैकेट ट्यूब इत्यादि क्रय करने के निर्देश दिए। कलेक्टर द्वारा शहरी क्षेत्रों में उन निचली बस्तियों के लिए खासतौर पर निर्देश दिए जहां अतिवृष्टि की स्थिति में पानी भरने की संभावना होती है वहां पर अभी से आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में जिन पुल-पुलिया, रपटों पर वर्षा के दौरान ओवरफ्लो की स्थिति होती है उन पर लोहे के पाइप की रेलिंग लगाने के निर्देश सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए।

इसके अलावा कलेक्टर द्वारा सहायक आयुक्त जनजाति कार्य तथा जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल भवनों की मरम्मत, भवनों की छत पर वाटर प्रूफिंग, जिले के पशु औषधालय भवनों की छतों पर वाटर प्रूफिंग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को पेयजल स्त्रोतों के क्लोरिनेशन, हैंडपंपों के नजदीक सोकपिट निर्माण के निर्देश दिए। कलेक्टर द्वारा बाढ़ की स्थिति में पुनर्वास की आवश्यकता पर ऊंचे स्थानों पर कैंप चिन्हांकित करने के लिए भी निर्देशित किया गया। स्वास्थ्य विभाग को भी आवश्यक निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि विगत वर्ष बाजना विकासखंड के गढ़ीकटारा कला गांव में जहां तालाब फूटा था, उस तालाब की मरम्मत विभाग द्वारा पूर्ण रूप से कर दी गई है। कलेक्टर ने आलोट विकासखंड के बगुनिया तालाब की गुणवत्ता को भी चेक करने के निर्देश कार्यपालन यंत्री जल संसाधन को दिए। बताया गया कि आलोट विकासखंड के पिपलिया सिसोदिया तालाब का मरम्मत कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने भी उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बाढ़ आपदा प्रबंधन के संबंध में निर्देशित किया। उन्होंने थानावार दलों का गठन करने के निर्देश दिए जो बाढ़ आपदा की स्थिति में विभिन्न कार्य में मदद कर सकेंगे।

Previous articleजानिए क्यों, अपने पुत्र दुर्योधन को निर्वस्त्र देखना चाहती थीं गांधारी
Next articleकोरोना वायरस:चीन की अक्षमता बनी इस सामूहिक हत्या की वजह-राष्ट्रपति ट्रंप