बुराईयों का त्याग ही सही अर्थों में रावण दहन – श्री चौहान

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं का सम्मान करने, दूसरों की भलाई के कार्य करने और गदंगी रूपी रावण का त्याग करने के लिये संकल्पित होने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि रावण क्रोध, अहंकार, लोभरूपी बुराईयों का प्रतीक है। इनका त्याग ही रावण का सही अर्थों में दहन है। श्री चौहान ने यह बात आज यहां स्थानीय छोला दशहरा मैदान में रावण दहन उत्सव में कही।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारत का इतिहास पाँच हजार वर्षों से अधिक पुराना है। जब पश्चिमी देशों में सभ्यता का विकास भी नहीं हुआ था तब हमारे ऋषियों ने ऋचाओं, मंत्रों की रचना कर दी थी। देश उसी स्थान को प्राप्त करने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत किसी को छेड़ता नहीं है किन्तु छेड़ने वाले को छोड़ेगा भी नहीं। उन्होंने देश के वीर सैनिकों और सेना को नमन करते हुये कहा कि देश की रक्षा में 30 हजार से अधिक सैनिकों ने जीवन का बलिदान दिया है। इनकी स्मृति में भोपाल में शौर्य स्मारक के रूप में नवतीर्थ का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 14 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर शौर्य सम्मान सभा का आयोजन भोपाल के लालपरेड ग्राउन्ड में किया गया है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वीरों के नमन के लिये वे शौर्य स्मारक अवश्य जायें। श्री चौहान ने नागरिकों को विजयादशमी की शुभकामनाएँ दी। श्री राम के आदर्शों पर चलने का अनुरोध किया। श्री चौहान ने भगवान श्रीराम की सेना का स्वागत किया।

हिन्दू उत्सव समिति के अध्यक्ष श्री कैलाश बैगवानी ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का साफा बाँध, शाल-श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री श्री विश्वास सारंग, महापौर भोपाल श्री आलोक शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद श्री कैलाश सारंग, महंत श्री चन्द्रमा दास त्यागी, हिन्दू उत्सव समिति के पदाधिकारीगण, सदस्य और हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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