बेरोजगारी अब भी 24%, आगे भी कामगारों के लिए मुश्किल: CMIE

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लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोजगारी की दर लगातार काफी ऊंचाई पर बनी हुई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार 17 मई को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी की दर 24 फीसदी रही है. CMIE की रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था को सुधरने में काफी समय लग सकता है और श्रमिकों के लिए अभी आने वाले दिन मुश्किल भरे ही रहेंगे.

CMIE की रिपोर्ट में कहा गया है कि 17 मई को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी की दर 24 फीसदी रही है. जो लगभग अप्रैल के जैसा ही है. इसका मतलब यह है कि 20 अप्रैल से लॉकडाउन में थोड़ी ढील दिए जाने का भी बेरोजगारी दर पर खास असर नहीं हुआ है. हालांकि इस ढील का श्रम भागीदारी दर पर जरूर थोड़ा असर हुआ है. इसमें बढ़त हुई है जो कि 26 अप्रैल के हफ्ते में अब तक के सबसे निचले स्तर 35.4 फीसदी तक पहुंच गई थी. 17 मई के हफ्ते में यह बढ़कर 38.8 फीसदी तक पहुंच गई.

ऐसी उम्मीद है कि ट्रांसपोर्ट सेवाएं शुरू होने के बाद कुछ आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी. ऊंची बेरोजगारी दर का मतलब यह है कि बड़ी संख्या में श्रमिक काम की तलाश में हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिल रहा. श्रम भागीदारी दर में गिरावट का मतलब यह होता है कि कम लोग काम करने के इच्छुक हैं.

बेरोजगारी ने बनाया था रिकॉर्ड
कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से भारत में लोगों के रोजगार में जबरदस्त कमी आ गई है. इसके पहले सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के अनुसार, 3 मई को खत्म हफ्ते में बेरोजगारी दर बढ़कर रिकॉर्ड 27.11 फीसदी तक पहुंच गई थी. यानी हर चार में से एक व्यक्ति बेरोजगार हो गया. यह देश में अब तक की सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर है.

अर्थव्यवस्था रही ठप
गौरतलब है कि कोरोना की वजह से भारत सहित पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था ठप पड़ गई है. भारत में करीब 40 दिनों के दो चरणों के लॉकडाउन में तो उद्योग-धंधे पूरी तरह से बंद रहे. लॉकडाउन के तीसरे चरण में नरमी के बावजूद उद्योगों का पहिया सही से नहीं चल पाया. बड़े शहरों से हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अब भी अपने घर वापस जा रहे हैं.

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