बोलने की आजादी का मतलब नहीं कि अपने देश को ही गाली दें : रिजिजू

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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने रामजस कालेज में हुई हिंसा और गुरमेहर कौर के एबीवीपी के खिलाफ कैम्पेन चलाने के मुद्दे पर कहा कि आजादी के नारे वर्ष 1947 से पहले अच्छे लगते थे, आज भारत आजाद है। रिजिजू ने कहा कि आज हर भारतीय आजादी का जश्न मनाता है, पहले आप नेहरु, राजीव गांधी या इंदिरा गांधी के खिलाफ कुछ बोल सकते थे क्या। उस समय आप लीडरशिप के खिलाफ बोल नहीं सकते थे। सोनिया गांधी के खिलाफ किसी ने कुछ लिखा था गृह मंत्रालय ने फेसबुक को तलब किया था।

गुरमेहर पर मेरा बयान गलत तरीके सेे किया गया पेश 
रिजिजू ने कहा कि पीएम को हर पल गाली देते हैं और सरकार कोई कदम नहीं उठाती, और कितनी आजादी चाहिए। इसके अलावा रिजिजू ने असहिष्णुता को लेकर कहा कि सरकार ने अपनी स्थिति पहले भी साफ की है। बोलने की आजादी होनी चाहिए और आलोचना-असहमति रखने की भी, लेकिन यह सब राष्ट्र के खिलाफ या फिर देश तोडऩे के मकसद से नहीं होना चाहिए। बोलने की आजादी का यह मतलब नहीं की आप अपने देश को गाली दें।

वहीं गुरमेहर कौर को लेकर भी रिजिजू ने अपने बयान को लेकर भी बात कही। उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के साथ जंग की स्थिति में नहीं है लेकिन फिर हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को क्लीन चिट नहीं दी जा सकती और गुरमेहर पर मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया। मैंने गुरमेहर को नहीं बल्कि उन वामपंथियों को टारगेट किया था जो गुरमेहर जैसे युवाओं के दिमाग को दूषित करने का काम करते हैं।

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