भगवान गणेश के ये राज नहीं जानते होंगे आप

0

भगवान गणपति की आराधना का पावन पर्व गणेश चतुर्थी शुरू हो गया है. दस दिन तक चलने वाले इस त्योहार को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. मूसक पर सवार बुद्ध‍ि और समृद्ध‍ि के देव को लड्डू का भोग बहुत पसंद है. शिव शंभू और मां पार्वती के पुत्र गणेश को आराम करना बहुत पसंद है और ये प्रथम निवेदन में ही भक्त की मनोकामनाओं को पू्र्ण करते हैं.

भगवान गणेश के जीवन की ये बातें सभी को आमतौर पर पता ही हैं लेकिन प्रभु से जुड़ी भी कई बातें हैं जिन्हें शायद ही आप जानते हों. आइए जानें, ऐसी ही चार बातों के बारे में जिनका जिक्र पुराणों और शास्त्रों में मिलता है.

1. मूसक नहीं है इनका वाहन
आमतौर पर जनसूमह में यह माना जाता है कि गणेश जी का वाहन चूहा है लेकिन अगर मुद्गल पुराण की माने तो उनके वाहन ये बताए गए हैं…
शेर, मोर, सांप और जैन पुस्तकों में इनका वाहन हाथी, भेंडा और कछुआ भी माना गया है.

2. जब निजी समारोह त्योहार में बदल गया
गणेश चतुर्थी महाराष्ट्र में काफी धूमधाम से मनाई जाती है. 1893 में लोकमान्य तिलक ने इस समारोह को निजी से सामूहिक आयोजन में तब्दील कर दिया. उनका उद्देश्य जात-पात के फासलों को मिटाने का था और यह बात अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन को बढ़ावा देने के भी बहुत काम आई.

 3. दूसरे देशों में भी जाने जाते हैं बप्पा
पुराने जमाने में भारतीय कारोबारी सफर के दौरान अपने साथ भगवान गणेश की मूर्ति साथ ले जाया करते थे और इस तरह दूसरे देशों में भी बप्पा का आगमन हुआ. जापानी उन्हें कांगितेन के नाम से जानते हैं और इसके अलावा थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, नेपाल और चीन में भी इन्हें अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है.

4. भगवान गणेश ने लिखी महाभारत
उत्तर भारत में कहा जाता है कि म‍हाभारत वेद व्यास ने प्रभु को सुनाई थी और उन्होंने पन्नों उसे उकेरा था. भारत में लिखित विधा की तुलना में किस्सागोई तभी से चली आ रही है.

Previous articleसपरिवार पहुँचे श्रीगणेश प्रतिमा लाने मुख्यमंत्री श्री चौहान
Next articleमुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पॉलिसी लीडरशिप अवार्ड से नवाजा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here