भारतीय क्रिकेट का एक बेहद अनोखा रिकॉर्ड बनाने वाले क्रिकेटर प्रेम भाटिया का 78 साल की उम्र में लंबी बीमारी के चलते दिल्ली में निधन हो गया है। भाटिया डैमोस्टिक मैचों में बड़ा नाम रहे हैं। 1960 में ईरानी कप के दौरान जब शेष भारत और बुंबई के बीच मैच लगा था तब उन्होंने 12वें खिलाड़ी के तौर पर बल्लेबाजी कर रिकॉर्ड बनाया था। यह रिकॉर्ड इसलिए खास है, क्योंकि टीम में खेल रहे लाला अमरनाथ तब 48 साल के हो गए थे। ऐसे में तबीयत बिगडऩे के कारण वह दोनों पारियों में बल्लेबाजी कर नहीं पाए। ऐसे में 12वें खिलाड़ी के तौर पर बाहर बैठे प्रेम भाटिया को मौका दिया गया। यह वहीं ईरानी कप था जिसमें बुंबई (अब मुंबई) पहली बार जीता था।
भाटिया ने 11 साल के अपने करियर में दिल्ली की तरफ से 55 मैचों में खेलते हुए 31 की औसत से 2543 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 151 रहा। भाटिया के नाम छह शतक और 12 अर्धशतक भी शामिल हैं। इसी तरह प्रथम श्रेणी में उन्होंने 56 मैचों में छह शतक के साथ 2548 रन बनाए हैं।
बता दें कि इससे पहले क्रिकेट में ऐसा नियम नहीं था कि 12वां खिलाड़ी बल्लेबाजी या गेंदबाजी कर सके। एक टीम में 11 खिलाड़ी ही यह जिम्मेदारी निभा सकते थे। 12वां खिलाड़ी तब ही मैदान में आता था जब पहले 11 खिलाडिय़ों में कोई जख्मी हो जाए। लेकिन तब भी वह फील्डिंग ही कर सकता था। लेकिन इस मैच में प्रेम भाटिया से बैटिंग करवाकर क्रिकेट जगत में एक नए नियम को जन्म दिया गया।