भारत की विदेश मंत्री सिर्फ वीजा बनाने में समय बिताती हैं-राहुल गांधी

0

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने विदेश की धरती से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर करारा तंज कसा है. साथ ही चीन और पाकिस्तान को लेकर मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए हैं. लंदन स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत की विदेश मंत्री वीजा बनाने में ही काफी समय बिताती हैं और बाकी कामों के लिए कम समय देती हैं.

उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय का एकाधिकार मिटाकर और समाज के अन्य हिस्सों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाकर एक आधुनिक विदेश मंत्रालय बनाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए विदेश मंत्री के पास समय कहां है? डोकलाम विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए डोकलाम विवाद एक इवेंट है.

गांधी ने कहा कि डोकलाम कोई अलग मुद्दा नहीं है. यह एक के बाद एक कई घटनाओं का हिस्सा था. यह एक प्रक्रिया थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम को महज एक इवेंट के रूप में देखते हैं. अगर उन्होंने ध्यान से पूरी प्रक्रिया को देखा होता, तो वो इसे रोक सकते थे. कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी दावा किया कि डोकलाम में आज भी चीन की मौजूदगी है.

राहुल गांधी ने पाकिस्तान से संबंध को लेकर भी मौजूदा मोदी सरकार को निशाना पर लिया. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान को लेकर पीएम मोदी के पास कोई गहराई से सोची-समझी रणनीति नहीं है. हालांकि पाकिस्तान के साथ बातचीत करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि वहां कोई भी ऐसी संस्था नहीं है, जो सर्वोच्च हो. हम तब तक प्रतीक्षा करेंगे, जब तक कि वो कोई सुसंगत ढांचा नहीं बनाते हैं.’

चीन की शासन व्यवस्था का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, ‘चीन से हम एक चीज यह सीख सकते हैं कि स्थानीय सरकारें प्रणाली को कैसे चलाती हैं?’ उन्होंने कहा कि चीन में भी बदलाव हो रहा है. हमारी प्रक्रिया मूलभूत है, जबकि चीनी पद्धति थोड़ी हिंसक है. चीन आगे बढ़ रहा है और दुनिया में उस प्रगति का असर भी हो रहा है. भारत संतुलन की भूमिका निभा सकता है और पूरी दुनिया को सुरक्षित जगह बनाने के लिए का निर्माण कर सकता है.’

इस दौरान राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर सत्ता के केंद्रीकरण का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय काफी ताकतवर है. हालांकि भारत तभी सफल हुआ, जब सत्ता विकेंद्रीकृत हुई. पिछले चार वर्षों में बड़े पैमाने पर सत्ता का केंद्रीकरण हुआ है. आज सत्ता की पूरी ताकत पीएमओ के पास केंद्रित हो गई है.

Previous articleराहुल गांधी ने कहा-10 साल तक सत्ता में रहने की वजह से हममें भी घमंड आ गया था, फिर सबक सीखा
Next articleचाैथा टेस्ट भारत ड्रा भी खेलता है तो यह उसकी हार ही होगीः सहवाग