महाराष्ट्र जानना चाहता है रातोरात क्यों बदल गई शिवसेना-अमित शाह

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नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में चर्चाओं के जवाब के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पर शिवसेना के स्टैंड को लेकर तंज कसा। अमित शाह ने संजय राउत के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि लोग सत्ता के लिए कैसे-कैसे रंग बदल लेते हैं। लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया, मगर अचानक एक रात में ऐसा क्या हुआ कि शिवसेना ने अपना स्टैंड बदल लिया। बता दें कि लोकसभा में शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया था, मगर उसके बाद पार्टी ने कहा कि उसके कुछ सवाल हैं, जिसे जब तक स्पष्ट नहीं किया जाता, तब तक वह इसका राज्यसभा में समर्थन नहीं करेगी।

दरअसल, संजय राउत ने सरकार पर चर्चा के दौरान हमला बोला था और पड़ोसी देशों के शरणार्थियों को नागरिकता देने के मामले में सरकार को राजनीति नहीं करने की नसीहत देते हुए शिवसेना ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) का विरोध करने वाले भी देश के नागरिक हैं और उन्हें ”देशद्रोही नहीं कहा जा सकता। राज्यसभा में बुधवार को सीएबी पर चर्चा में भाग लेते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि यह कहा जा रहा है कि जो इस विधेयक का विरोध कर रहा है वह ”देशद्रोही है और जो इसका समर्थन कर रहा है वह ”देशभक्त है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बिना इस विधेयक को लेकर उनके एक बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विधेयक का विरोध करने वालों को ”पाकिस्तान की भाषा बोलने वाला बताया जा रहा है। उन्होंने राज्यसभा की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह ”पाकिस्तान की असेम्बली नहीं है। यहां जो लोग भी हैं, उन्हें भारत के नागरिकों ने चुन कर भेजा है।

सूत्रों के अनुसार, भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीएबी का विरोध करते हुए कुछ राजनीतिक दलों के नेता ऐसी भाषा का प्रयोग कर रहे हैं जैसी भाषा पाकिस्तान बोलता है। राउत ने कहा कि यदि सरकार को पाकिस्तान की भाषा इतनी खराब लगती है तो वह ”पाकिस्तान को खत्म क्यों नहीं कर देती? उन्होंने कहा कि हमारे इतने मजबूत प्रधानमंत्री, मजबूत गृह मंत्री हैं… यदि वे ऐसा करते हैं तो हम उनका साथ देंगे।

उन्होंने कहा कि आज असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम सहित देश के कई हिस्सों में इस विधेयक को लेकर विरोध हो रहा है। हिंसा हो रही है। जो विरोध कर रहे हैं और जो समर्थन कर रहे हैं, वे सभी देश के नागरिक हैं।

शिवसेना नेता ने कहा ”इसलिए हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। हम कितने कठोर हिन्दू हैं, यह हमें बताने की जरूरत नहीं हैं। आप (भाजपा) जिस स्कूल में पढ़ रहे हो, हम वहां के हेडमास्टर हैं। हमारे स्कूल के हेडमास्टर बाला साहब ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर धार्मिकता के आधार पर नहीं बल्कि मानवता के आधार पर विचार होना चाहिए।

संजय राउत ने कहा कि हम मानते हैं कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं बांग्लादेश में हिन्दू, ईसाई बौद्ध आदि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है। उन्हें मानवता के आधार पर शरण दी जानी चाहिए। किंतु उसमें कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए। शिवसेना नेता ने सलाह दी कि जिन भी शरणार्थी लोगों को नागरिकता दी जाये, उन्हें 20-25 साल तक वोट डालने का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए।

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