अब तक समझा जाता था कि स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली सबसे आम बीमारी है, मगर ब्रिटेन का ताजा मामला इसके विपरीत इशारा करता है। एक ही परिवार के तीसरे पुरुष को स्तन कैंसर होना, बताता है कि पुरुष भी इससे अछूते नहीं हैं।
कूपर परिवार के दो लोगों की मौत ब्रेस्ट कैंसर से हो चुकी है और जाइल्स कूपर इस कड़ी में तीसरे शख्स हैं जो इससे पीड़ित हैं। इलाज के दौरान जाइल्स की दो बार मैस्टेक्टॉमी की गई जिसमें सर्जरी के जरिए इस गांठ को हटा दिया गया। वह अब भी सार्वजनिक तौर पर अपनी छाती पर ऑपरेशन के निशान दिखाने से घबराते हैं।
‘कैंसर रिसर्च यूके’ के मुताबिक ब्रिटेन में हर साल तकरीबन 400 ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमें ब्रेस्ट कैंसर के मरीज पुरुष होते हैं। महिलाओं की संख्या 55 हजार के करीब है। जाइल्स कहते हैं यह आंखें खोलने वाला अनुभव है। पुरुषों में बढ़ते ब्रेस्ट कैंसर के मामलों की अनदेखी करना उचित नहीं होगा। विश्व के सभी देशों की सरकारों और वैज्ञानिकों को इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के उपाय करने चाहिए।