मैंने किताब पढ़कर गरीबी नहीं सीखी, सबसे कमजोर का कल्याण ही मेरा लक्ष्य-PM मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम में कई मुद्दों पर खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि उन्हें गरीबी की स्थिति की जानकारी है, और इसके लिए किताब पढ़ने की जरूरत नहीं.

लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर से ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम में मोदी ने कहा कि मुझे किताब पढ़कर गरीबी सीखनी नहीं पड़ी. मैंने गरीबी टीवी पर देखकर नहीं सीखा. मैं इससे जद्दोजहद करके यहां तक आया हूं.

मोदी ने कहा कि मैंने लाल किले से कहा था कि 18 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंची है. इसका मतलब है कि बाकी गांवों में पहुंची है, जिन्होंने पहुंचाई उनको सौ-सौ सलाम. मैंने पूछा कि कितने दिन लगेंगे, अधिकारियों ने बताया कि सात साल लगेंगे, मैंने कहा कि मैं इतना इंतजार नहीं कर सकता. अब लगभग सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है. सौ-डेढ़ सौ गांव बचे हैं.

उन्होंने कहा कि गांधी ने कहा था कि जिस तराजू से तोलिए तो यह देखिए कि आखिरी छोर पर बैठे इंसान को इससे क्या मिल रहा है. गांधी की यह बात मेरे दिमाग में बैठ गई है.

रेप की घटनाओं पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि बालिका के साथ रेप की घटना बेहद दर्दनाक है. क्या हम ये कहेंगे कि हमारी सरकार के समय में ऐसा होता था, आपकी सरकार में ऐसा क्यों होता है. मैंने लाल किले से कहा था कि बेटियों से तो सभी पूछते हो, कभी बेटों से भी पूछो. जो बेटे ऐसा कर रहे हैं, उनके घरों में भी तो मां-बहन हैं. ये समाज की विकृति है.

खुले में शौच को लेकर मोदी ने कहा कि महिलाएं सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद ही शौचालय जाती हैं. तब तक वह शारीरिक पीड़ा को सहने को मजबूर होती हैं. ये बात मुझे सोने नहीं देती. आज 300 गांव खुले में शौच मुक्त हो गए हैं.

घर-घर बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने पहले बीड़ा उठाया कि गांव में बिजली पहुंचाऊंगा, फिर घरों में पहुंचाऊंगा. कुल 25 करोड़ परिवारों में से 4 करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास बिजली नहीं पहुंची है, मैं इन घरों में भी बिजली पहुंचाऊंगा.

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