यूपी चुनाव: भाजपा ने चुनाव आयोग से की ऐसी मांग, भड़के मुस्लिम संगठन

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भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव आयोग को शिकायत भेजकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के छठवें और सातवें चरण के मतदान में बुर्कानशीं मतदाताआें के पहचान पत्र की जांच के लिए महिला पुलिस के तैनाती की मांग की है। विभिन्न मुस्लिम संगठनों ने इसे मुस्लिम महिलाआें के सम्मान पर हमला और मतों के धु्रवीकरण की कोशिश करार दिया है।

भाजपा ने भेजी मुख्य चुनाव आयुक्त को शिकायत
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जे.पी.एस. राठौर एवं प्रशासनिक कार्य प्रमुख कुलदीप पति त्रिपाठी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को कल भेजी गयी शिकायत में कहा है कि कि विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में महिला मतदाता बुर्का पहनकर मतदान करने आती हैं। एेसे में उनकी सही पहचान करने के लिए सभी मतदान केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती आवश्यक है। जिससे एेसे मतदाताआें के पहचान पत्र की ठीक ढंग से जांच हो सके और फर्जी मतदान की आशंका समाप्त की जा सके। भाजपा ने मऊ तथा बलिया के संवेदनशील एवं अति संवेदनशील बूथों की सूची संलग्न कर मांग की है कि इन क्षेत्रों में अद्र्घसैनिक बलों के बगैर निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं है, लिहाजा चुनाव आयोग पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस एवं अद्र्घसैनिक बलों की तैनाती करे।

मुस्लिम वूमेन पर्सनल ला बोर्ड ने की कड़ी आलोचना
ऑल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल ला बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अख्बर ने भाजपा की इस मांग की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि यह हिन्दू मतों के ध्रुवीकरण की कोशिश है। इससे भाजपा की बीमार सोच दिखायी देती है। उन्होंने कहा कि भाजपा की इस मांग से मुस्लिम महिलाएं जोखिम में आ गयी हैं। कोई महिला चाहे बुरका पहने या घूंघट निकाले, किसी को भी यह हक नहीं कि उनके दिल और समान को ठेस पहुंचाए।

मुस्लिम महिलाआें को बनाया जा रहा निशाना
ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि जब से उत्तर प्रदेश में चुनाव शुरू हुआ है, तब से किसी ना किसी बहाने से मुस्लिम महिलाआें को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले तीन तलाक का मुद्दा उठाया, मगर उसमें कामयाबी नहीं मिलने पर अब वह बुरके का मुद्दा उठा रही है। भाजपा को क्या यह नहीं मालूम है कि मतदान केन्द्र में जाने वाले हर व्यक्ति के मतदाता पहचान पत्र या संबन्धित अन्य दस्तावेजों की पड़ताल की जाती है। इसके बावजूद उसने यह मुद्दा उछाला है। यह मुस्लिम महिलाओं को वोट डालने से रोकने की कोशिश है।

बुरके की तौहीन कतई बर्दाश्त नहीं
ऑल इण्डिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा, ‘‘जहां तक मैं समझता हूं तो यह मतों का धु्रवीकरण करने के लिये किया गया है। बुरके की तौहीन कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकेगी। हिन्दू महिलाएं भी पल्लू आेढ़ती हैं, क्या मतदान केन्द्र पर उनका चेहरा भी देखा जाएगा? औरत की इज्जत बुरके में महफूज रहती है। बुरके पर सियासत ना हो तो बेहतर है।’’

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