महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा है कि राज्य सरकारें यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की तेजी से जांच करके दोषियों को सजा दिलाने के लिए स्पेशल सेल का गठन करें. गुरुवार को मेनका गांधी ने सभी मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को एक पत्र लिखा.
पत्र में उन्होंने लिखा कि यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों में दोषियों को सजा तभी मिल सकेगी जब प्रोफेशनल एजेंसी सही तरीके से अपराध की जांच करेगी. उन्होंने कहा है कि पुलिस राज्य सरकार के अंतर्गत आती है. ऐसे मामलों का तेजी से निपटारा हो सके इसके लिए जरूरी है कि राज्य सरकारें यौन उत्पीड़न और खास तौर से बच्चों से जुड़े मामलों की जांच तेजी से करने के लिए एक विशेष सेल का गठन करें.
उन्होंने लिखा कि ऐसा करने से मामले का निपटारा तेजी से करने में बहुत मदद मिलेगी. उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस अफसरों की नए सिरे से ट्रेनिंग करनी चाहिए ताकि वह यौन उत्पीड़न से जुड़े मामलों की ठीक ढंग से जांच कर सकें. साथ ही खास तौर पर सबूतों को सही से इकट्ठा करने में सावधानी बरतें.
मेनका ने राज्य सरकारों से अपील की है कि अगर कोई पुलिस अधिकारी ऐसे मामलों में जांच में बाधा बनता है या फिर ऐसी शिकायत सामने आती है कि वह अपराध करने वालों के साथ मिला हुआ है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधों की जांच करने के लिए जो राज्य सरकारें चाहे उन्हें फॉरेंसिक लैब बनाने में केंद्र सरकार सहायता करने को तैयार है.
बता दें कि कठुआ और उन्नाव की घटना के बाद मेनका गांधी ने कहा था कि वो इन घटनाओं से बेहद दुखी हैं. चाहती हैं कि कानून में बच्चियों के साथ रेप के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान हो. मेनका गांधी का महिला और बाल विकास मंत्रालय जल्दी ही 12 साल से छोटी बच्चियों से रेप के मामले में पॉक्सो कानून में संशोधन का प्रस्ताव कैबिनेट में पेश करेगी.
मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को लिखे गए पत्र में मेनका गांधी ने उनसे सुझाव भी मांगा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध से निपटने के लिए क्या प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं.