राष्ट्रीय पोषण सप्ताह को लेकर मीडिया कार्यशाला आयोजित

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ग्वालियर- (ईपत्रकार.कॉम) |उचित पोषण के अभाव में बच्चों का समग्र विकास थम जाता है। पोषण ठीक न होने से बच्चे ठिगनेपन के शिकार भी हो जाते हैं। साथ ही पोषण का अभाव बाल मृत्यु का भी बहुत बड़ा कारण है। पोषण के प्रति जागरूकता लाने में मीडिया की भी अहम भूमिका है। यह बात महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राजीव राय ने मीडिया कार्यशाला में कही। उन्होंने कार्यशाला में मौजूद मीडिया प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस पुनीत काम में सहयोग के लिये मीडिया भी आगे आए।

गुरूवार को यहाँ कलेक्ट्रेट स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग के सभाकक्ष में आयोजित हुई बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राय ने बताया कि पोषण के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत ग्वालियर जिले में भी विविध कार्यक्रम होंगे। पोषण सप्ताह एक से 7 सितम्बर तक मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिले में बच्चों के साथ-साथ बड़ों के उचित पोषण के लिये “पोषण स्मार्ट विलेज” के कंसेप्ट पर काम किया जा रहा है, जिसके तहत प्रथम चरण में चिन्हित गाँवों में बेसलाइन सर्वे के साथ-साथ पोषण गतिविधियों को मूर्त रूप दिया जायेगा।

कार्यशाला में पावर प्वॉइंट प्रजेण्टेशन के माध्यम से परियोजना अधिकारी बाल विकास सेवा श्रीमती प्राची शर्मा ने जिले एवं प्रदेश से संबंधित पोषण सूचकांकों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जन्म के बाद 6 माह तक माँ का दूध ही बच्चों के लिये सर्वोत्तम आहार है, 6 माह के बाद बच्चे को पूरक आहार दिया जा सकता है। श्रीमती प्राची शर्मा ने शिशु एवं बाल आहार खासकर 6 माह से लेकर 23 माह तक के बच्चों को उम्र अनुसार गुणवत्तायुक्त भोजन, मात्रा इत्यादि के बारे में बताया। साथ ही कहा राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के तहत पोषण जागरूकता पर केन्द्रित कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय खाद्य सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने, किचन गार्डन के लिये लोगों को प्रेरित करने तथा स्वास्थ्य एवं पोषण लिंकेज के प्रयास प्रमुखता से होंगे।

पोषण सप्ताह के तहत यह कार्यक्रम होंगे
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के पहले दिन एक सितम्बर को पोषण परामर्श सत्र होगा। जिसमें आंगनबाड़ी से जुड़ीं समस्त गर्भवती व धात्री महिलायें, किशोरी बालिकाओं और कुपोषित बच्चों की मातायें भाग लेंगीं। रिसोर्स पर्सन द्वारा पोषण के संबंध में व्यवहारिक जानकारी दी जायेगी। दूसरे दिन पोषण बाल सभा, स्वच्छता पर चर्चा, भोजन का समय, तीसरे दिन संतुलित पोषण थाली प्रतियोगिता व थर्ड मील, चौथे दिन गोद भराई, पोषण परामर्श, स्वादिष्ट रेसिपी की जानकारी, पाँचवे दिन पोषण दस्तक तथा पोषण प्रश्नोत्तरी भरना, ग्राम पोषण वाटिका का भ्रमण, स्थानीय सहयोग से बच्चों के लिये पौष्टिक भोजन तथा छठवें दिन कन्या महाविद्यालयों में पोषण परिचर्चा तथा विद्यालयों में निबंध प्रतियोगिता होंगी। सुझावात्मक गतिविधियों के तहत पोषण सप्ताह के दौरान पोषण आनंद मेला जैसे कार्यक्रम होंगे।

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