सागर – ईपत्रकार.कॉम |व्यक्तिगत व सामुदायिक दावों में संबंधित हितग्राही/समूह को वनाधिकार प्रमाण-पत्र वितरण में और तेजी लाकर यह काम शत-प्रतिशत पूरा कर लिया जाये। दावा करने वाला कोई भी पात्र हितग्राही या समूह वन हक प्रमाण-पत्र से वंचित न रहे। कमिश्नर श्री मनोहर दुबे ने संभाग के सभी कलेक्टर्स को यह निर्देश दिये हैं।
कमिश्नर श्री दुबे मंगलवार को अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 के अंतर्गत प्राप्त वन अधिकार दावों के पुर्नपरीक्षण एवं निराकरण के संबंध में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में पुलिस महानिरीक्षक श्री सतीष कुमार सक्सेना, डीआईजी छतरपुर, सागर व छतरपुर के मुख्य वन संरक्षक, संभाग के सभी कलेक्टर्स, अपर/उपायुक्त सागर संभाग, सभी पुलिस अधीक्षक, सभी वनमण्डलाधिकारी, वन विभाग के सभी अनुविभागीय अधिकारी, जनजातीय कार्य विभाग के संभागीय उपायुक्त एवं संभाग के सभी जिलों में पदस्थ जिला संयोजक भी मौजूद थे।
बैठक में कमिश्नर श्री दुबे ने सभी कलेक्टर्स एवं वनमण्डलाधिकारियों से कहा कि व्यक्तिगत के साथ-साथ सामुदायिक दावे भी समान रूप से प्राप्त किये जायें। बताया गया कि 30 जून 2018 तक सागर जिले में 2754 व्यक्तिगत एवं 866 सामुदायिक, कुल 3620 हक प्रमाण-पत्र, दमोह जिले में 2859 व्यक्तिगत एवं 272 सामुदायिक, कुल 3131 हक प्रमाण-पत्र, पन्ना जिले में 2714 व्यक्तिगत एवं 1247 सामुदायिक, कुल 3961 हक प्रमाण-पत्र, छतरपुर जिले में 505 व्यक्तिगत एवं 240 सामुदायिक, कुल 745 हक प्रमाण-पत्र एवं टीकमगढ़ जिले में 646 व्यक्तिगत एवं 23 सामुदायिक, कुल 669 हक प्रमाण-पत्र वितरित किये जा चुके हैं। निरस्त किये गये दावों के पुर्नपरीक्षण के लिये विशेष अभियान भी चलाया गया। इसमें सागर जिले में 90, दमोह जिले में 137, पन्ना जिले में 7, छतरपुर जिले में 103 व्यक्तिगत व सामुदायिक दावों को मान्य कर लिया गया। पुर्नपरीक्षण में टीकमगढ़ जिले में कोई भी प्रकरण मान्य नहीं किया गया। इसके अलावा विशेष अभियान के तहत सागर जिले में 109, दमोह जिले में 49, छतरपुर जिले में 48, टीकमगढ़ जिले में 474 नये दावे भी प्राप्त किये गये। पन्ना जिले में कोई भी नया दावा प्राप्त नहीं हुआ।