सहकारी बैंक और सोसायटी के ऋण खातों में 500 अथवा 1000 के नोट होंगे स्वीकार

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मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन किसान भाईयों का सहकारी बैंक अथवा सहकारी समिति में ऋण खाता है, उसमें ऋण अदायगी के लिये 500 अथवा 1000 रूपये के नोट स्वीकार करें। किसान, मजदूर और आम नागरिक को नगद भुगतान में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्रशासनिक सूझबूझ के साथ कार्य करते हुए सहज भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। श्री चौहान आज यहाँ प्रदेश में नगद भुगतान की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि बड़े नोटों का चलन बंद होने से प्रदेश के किसानों को असुविधा से बचाने के लिये निर्णय लिया गया है कि किसानों को मंडी में नकद भुगतान के साथ ही आर.टी.जी.एस. (R.T.G.S.), बैंक ड्राफ्ट, बैंकर्स चेक या अकाउंट पेयी चेक से भुगतान प्राप्‍त करने की स्वतंत्रता होगी। किसान भाई स्थिति के अनुसार स्वयं विकल्प चुन सकते हैं। श्री चौहान ने भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों से कहा कि आर.टी.जी.एस. (R.T.G.S.) भुगतान की समयावधि अपरान्ह चार बजे से बढ़वाकर शाम 6 बजे तक करवाने के प्रयास किये जायें।

उन्होंने कहा कि जो किसान भाई अपना अनाज मंडियों में ले आये हैं और वे अपने कृषि उत्पाद कृषि उपज मंडी के गोदाम में रखना चाहते हैं तो वे 15 दिसम्बर तक नि:शुल्क रख सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने आयुक्त मंडी बोर्ड को निर्देशित किया कि व्यापारियों को तत्काल एक हजार पर्ची वाली चेक बुकें बैंकों से शीघ्र उपलब्ध करवायें ताकि बड़ी मात्रा में भुगतान किया जा सके। उन्होंने मंडियों व्यापारियों की साख सीमा (क्रेडिट लिमिट) बढ़वाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के सहज और सरल भुगतान की व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जायें।

श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा पाँच सौ और हजार के नोट को चलन से बाहर करने के निर्णय की आमजन द्वारा सराहना की जा रही है। इसमें देश से आतंकवाद, भ्रष्टाचार, काला धन और जाली करेंसी की सफाई हो जायेगी। उन्होंने कहा है कि जनता भरपूर सहयोग कर रही है। इसलिये यह बैंक और अन्य सम्बद्ध विभागों का दायित्व है कि वे ऐसी व्यवस्था करें कि जनता का रोजमर्रा का काम प्रभावित नहीं हो। कृत्रिम रूप से मूल्यों में वृद्धि अथवा कमी नहीं हो।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी.श्रीवास्तव, गृह श्री के.के.सिंह, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री राकेश श्रीवास्तव, सहकारिता आयुक्त श्री कविन्द्र कियावत, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय निदेशक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया आदि अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

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