सहारा समूह की प्रमुख संपत्ति ऐंबी वैली की नीलामी की प्रक्रिया जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह व्यवस्था दी। समूह सेबी-सहारा के रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपये जमा कराने में विफल रहा है, जिसके मद्देनजर कोर्ट ने यह निर्देश दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस ए के सिकरी की पीठ को आधिकारिक परिसमापकों का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता ने सूचित किया कि समूह ने रिफंड खाते में 750 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए हैं।
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय और समूह की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि वे ऐंबी वैली के एक टुकड़े को बेचकर 15 मई तक यह पैसा जमा नहीं करा पाए हैं। पीठ ने कहा, ‘जहां तक संपत्ति की नीलामी का सवाल है, समूह 750 करोड़ रुपये जमा नहीं करा पाया है। इसलिए यह जारी रहेगी।’
पीठ ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 12 जुलाई तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 19 अप्रैल को सहारा समूह को महाराष्ट्र में ऐंबी वैली सिटी परियोजना से कोई की टुकड़ा चुनकर उसे बेचने और 15 मई तक उससे प्राप्त राशि सेबी सहारा रिफंड खाते में जमा कराने की अनुमति दी थी।
पीठ ने समूह से शुरुआत में ऐंबी वैली में एक टुकड़े को बेचकर 15 मई तक 750 करोड़ रुपये जमा कराने को कहा था। हालांकि, बाद में पीठ ने कहा था कि वह अपने आदेश में राशि का जिक्र नहीं करेगी। पीठ ने कहा था कि यदि सहारा समूह 15 मई तक संपत्ति बेचने में विफल रहता है तो बंबई हाई कोर्ट के आधिकारिक परिसमापक प्रस्तावित नीलामी प्रक्रिया पर आगे बढ़ेंगे। पीठ ने विशेष रूप से सहारा समूह से कहा था कि उनके पास अपनी संपत्ति को बेचने के लिए आज तक का समय है। वे संपत्ति को या तो खुद या नीलामी के जरिये बेच सकते हैं।