साध्वी प्रज्ञा ने दिग्विजय सिंह को दी करारी हार

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प्रदेश में 29 में से 28 सीटों पर बीजेपी ने अपना दबदबा कायम किया है। इनमें से सिर्फ एक सीट पर छिंदवाड़ा से नकुलनाथ ने जीत हासिल की है। वहीं देश की बहुचर्चित सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को करारी हार दी है। कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह यहां चुनाव हार गए हैं। 2014 में मोदी लहर के बाद 2019 में भी इसका बड़ा असर देश भर में देखने को मिला और कांग्रेस के लगभग सभी दिग्गज नेता चुनाव हार गए। मध्य प्रदेश में भी 28 सीटों पर कांग्रेस पिछड़ी हुई है। वहीं गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह जैसे बड़े चेहरों को हार का सामना करना पड़ रहा है। भोपाल से साध्वी प्रज्ञा ने कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर 3 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है।

देश की सबसे हॉट सीट भोपाल पर सबके निगाहें थी। इस सीट पर भाजपा कांग्रेस से ज्यादा साध्वी प्रज्ञा और दिग्विजय सिंह के बीच लड़ाई थी, और इस लड़ाई को बेहद अहम माना जा रहा था। बीजेपी का गढ़ मानी जाने वाली भोपाल सीट पर तीस साल से कांग्रेस जीत के लिए तरस रही थी। इस सीट पर कांग्रेस सारे दाव खेल चुकी हैं लेकिन जीत नहीं मिली। ब्राह्मण, मुस्लिम, कायस्थ, ओबीसी, नवाब, क्रिकेटर, स्थानीय, बाहरी सबको आजमा लिया, पर कोई भी प्रयोग सफल नहीं हुआ। कांग्रेस के के एन प्रधान 1984 में भोपाल से जीतने वाले आखिरी उम्मीदवार थे।

हारने वालों की सूची में पूर्व क्रिकेटर नवाब पटौदी, पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी जैसे दिग्गज शामिल हैं। लेकिन कांग्रेस ने अपने ब्रह्मास्त्र का इस्तेमाल कर अबकी बार मंझे हुए खिलाड़ी दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारा। लेकिन दिग्विजय भी चुनाव नहीं जीत पाए। वे राजगढ़ से टिकट चाहते थे लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कहने पर उन्होंने सबसे कठिन सीट से चुनाव लड़ने को कहा।दिग्विजय सिंह ने प्रचार प्रसार में अपनी पूरी ताकक झोंक दी बावजूद इसके वे साध्वी प्रज्ञा को मात न दे सके। हालांकि साध्वी ने अपने विवादित बयानों के कारण काफी किरकिरी कराई और कई बार माफी भी मांगी।

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