देश और दुनिया जहां एक तरफ नए साल का स्वागत करने की तैयारी में है वहीं कोरोना वायरस महामारी से भी पार पाने की आशा की जा रही है. कई देशों में वैक्सीन दी जाने लगी हैं, भारत में भी जल्द ही टीकाकरण की उम्मीद है. इस बीच भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि ये साल खत्म होने को है, हमें उम्मीद है कि ये महामारी भी जल्द ही खत्म हो जाएगी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड्स का वितरण किया और इसी दौरान ये बात कही. राष्ट्रपति के ट्विटर हैंडल से इससे जुड़े ट्वीट में लिखा गया है, ”ये साल अब समाप्त होने वाला है, और हमें उम्मीद है कि महामारी भी जल्द ही समाप्त हो जाएगी. यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि कोरोनो वायरस ने सामाजिक संबंधों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और जीवन के अन्य कई पहलुओं के मामले में दुनिया को बदल दिया है.”
इसके अलावा राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस महामारी के दौर में डिजिटल माध्यमों की भूमिका को भी सराहा. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत न सिर्फ पाबंदियों के असर को कम करने के लिए पहले से ही तैयार था बल्कि संकट को उसने अवसर के रूप में भी बदला. राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसा सिर्फ इसलिए मुमकिन हो पाया क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में देश में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है.
कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन से उपजे संकट में डिजिटल इंडिया के फायदे गिनाते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि बिना किसी ब्रेक शिक्षा सुचारू रूप से चलती रही और ऑनलाइन क्लास कराई गईं. कोर्ट से लेकर अन्य कई सेक्टर वर्चुअल मोड में काम करने लगे.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि डिजिटल के क्षेत्र में प्रो-एक्टिव रोल के कारण ही लॉकडाउन के दौरान और बाद में सरकार की महत्वपूर्ण सेवाओं को चालू रखा जा सका. उन्होंने कहा कि महामारी से पैदा हुए चुनौतीपूर्ण हालात से निपटने में देश की मदद करने के लिए डिजिटल वॉरियर्स का योगदान प्रशंसनीय है.
राष्ट्रपति ने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप, ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाओं के समय पर शुरू होने से महामारी की मुश्किलें कम हुई हैं. राष्ट्रपति ने आह्वान किया कि हमें हर नागरिक की सुरक्षा और लाभ के लिए पेपरलैस और कॉन्टैक्टलेस मोड में सरकारी कार्यालयों के कामकाज के लिए समाधान तलाशते रहना चाहिए.