सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक ‘औजार’ के रूप में किया जा सकता है-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

0

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सोशल मीडिया लोकतंत्र का एक शक्तिशाली माध्यम है। उन्होंने कहा कि बेहतर राजकाज संचालन में सोशल मीडिया का इस्तेमाल एक ‘औजार’ के रूप में किया जा सकता है। ब्लूमबर्ग ग्लोबल बिजनेस फोरम को संबोधित करने के बाद सवाल-जवाब के सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह खुद सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने लोगों से सोशल मीडिया के जरिये फैलाई जाने वाली फर्जी खबरों को लेकर सतर्क रहने को कहा।

सोशल मीडिया पर एक सवाल पर मोदी ने माइकल ब्लूमबर्ग से कहा, ‘‘उन्हें हैरानी है कि यह सवाल मीडिया क्षेत्र के एक दिग्गज ने किया है।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया लोकतंत्र का एक शक्तिशाली माध्यम है। स्थापित मीडिया द्वारा फर्जी खबरों से निपटने की पहल की जा रही है जो उत्साहजनक है।”

मोदी ने कहा कि कामकाज के बेहतर संचालन के लिए सोशल मीडिया का सकारात्मक तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जो घटनाएं मेरे सामने आई हैं उनके आधार पर मैंने कार्रवाई का आदेश दिया है।” उन्होंने एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि कैसे वह गुजरात में बाढ़ पीड़ितों का जीवन बचाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दे सके।

सरकार के मुखिया के रूप में वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करेंगे, इस सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कामकाज के बेहतर संचालन के हथियार के रूप में करने के पक्ष में हैं।” वह खुद इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि लोगों को यदि सोशल मीडिया पर कोई खबर मिलती है तो उन्हें उसे आगे भेजने से पहले खुद उसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी सूचना को ‘फॉरवर्ड‘ करने के फैशन को प्रौद्योगिकी के जरिये हल किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने 1999 की कंधार विमान अपहरण की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया चैनल नए थे और उन्होंने इस मामले से संबंधित सभी चीजों का प्रसारण किया। उन्होंने ऐसा माहौल बना दिया, जैसे सरकार दबाव में है। आतंकवादियों ने इस स्थिति का फायदा उठाया।

मोदी ने कहा कि इस अपहरण का ‘एपिसोड’ बंद होने के बाद समाचार चैनलों ने आत्मनिरीक्षण किया और गलतियों को दुरुस्त करने का फैसला किया। ‘‘मुझे यह अच्छा लगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिस्पर्धा की वजह से आत्मनिरीक्षण का यह दौर धीरे-धीरे समाप्त हो गया। आगे रहने के लिए वे ‘मसाला’ लगाकर खबरें पेश कर रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘‘यह कहना मुश्किल है कि चीजों में सुधार होगा या नहीं।”

Previous articleमोदी को ”भारत का पिता ‘ कहना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान: जयराम रमेश
Next article71 की गलती मत दोहराना, नहीं तो PoK का क्या होगा समझ लेना: राजनाथ सिंह