, हम सब मिल-जुलकर पानी की हरेक बूंद बचाने की हर जरूरी कोशिश करें- श्रीमती चिटनीस

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मन्दसौर – (ईपत्रकार.कॉम) |भू-जलस्तर के मामले में मंदसौर डार्कजोन में है। अतः जिले में जल संरक्षण के काम युद्धस्तर पर अभियान चलाकर कराये जाएं। शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और जिले का हर नागरिक, हम सब मिल-जुलकर पानी की हरेक बूंद बचाने की हर जरूरी कोशिश करें। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री एवं जिले की प्रभारी श्रीमती अर्चना चिटनीस ने मंगलवार की देर शाम कलेक्ट्रेट के सभागार में हुई जिलास्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिये।

बैठक में मंदसौर-नीमच-जावरा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लोकसभा सांसद श्री सुधीर गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्षा श्रीमती प्रियंका डॉ. मुकेश गोस्वामी, मंदसौर विधायक श्री यशपालसिंह सिसौदिया, सुवासरा विधायक श्री हरदीपसिंह डंग, कलेक्टर श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव, सीईओ जिला पंचायत डा पंकज जैन, एडीश्नल एसपी श्री एसएस कनेश सहित जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, एकीकृत जलग्रहण क्षेत्र मिशन एवं अन्य संबंधित विभागों के जिलाधिकारीगण मौजूद थे।

प्रभारी मंत्री श्रीमती चिटनीस ने कलेक्टर श्री श्रीवास्तव से कहा कि जिले में जल संचयन की गतिविधियां और अधिक तेज की जाएं, इससे मिट्टी बचेगी और हमारे वन भी बचेंगे। मनरेगा मद से गांव-गांव में सोखपिट्स बनवाएं, कम्पोस्टिंग भी करें। इससे जल भी रूकेगा और जैविक खाद भी बनेगी। उन्होंने कहा कि जिले में जल संरचनाओं के वर्तमान में निर्माणाधीन सभी काम समयसीमा में ही पूरे कर लिए जाएं।

प्रभारी मंत्री श्रीमती चिटनीस ने कहा कि जिले भर में बोरीबंधान के कार्य किये जायें। जिले के हर गांव में बोरी बंधान कार्य कराने के लिए 3 सदस्यीय टीम बनायें जिसमें दो शासकीय सेवक और एक स्थानीय जनप्रतिनिधिया सामाजिक कार्यकर्ता अवश्य हो। ये टीम हरेक गांव में कम से कम बोरीबंधान अवश्य करायें। इस तरह जिले के करीब 800 गांवों में तीन-तीन बोरीबंधान के मान से कुल 2400 बोरीबधान निर्माण का कार्य 26 सितम्बर तक पूर्ण कर ले। इस कार्य की निगरानी के लिए जिला व ब्लॉकस्तर पर कन्ट्रोल रूम बनायें। यह कन्ट्रोल रूम बोरी बंधान कार्य की समवेत मॉनीटरिंग का काम करेगा।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि जिले के ऐसे सभी निमज्जित तालाब, जो निजी भूमि पर स्थापित हैं और पूरी तरह पानी से भरे हुये है, उनके लिए कलेक्टर स्वयं की ओर से और उनकी (प्रभारी मंत्री) की ओर से राज्य शासन को भेजने हेतु प्रस्ताव तैयार करें कि उस निजी भूमि के स्वामी तालाब खाली न करें। उन्होने जल संसाधन विभाग के सभी जिलाधिकारियों व मैदानी कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले की वर्तमान परिस्थितियों के मददेनजर अब वे और अधिक सक्रिय होकर कार्य करें और किसानों को सिंचाई जल के संरक्षण के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होने समस्त अधिकारियों व विभागीय अमले से कहा कि वे मिल जुलकर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) को प्रभावी रूप से अमलीजामा पहनायें। मालूम हो कि मंदसौर जिले के लिए 5116.60 करोड रू. की जिला सिंचाई योजना तैयार की गई है। यह योजना 1 अप्रैल 2016 से ही लागू हो गई है।

किसान कौन सी फसल लें, यह बताने के लिए बोनी से पहले करें किसान जागरूकता सम्मेलन
बैठक में प्रभारी मंत्री श्रीमती चिटनीस ने कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता एवं आपूर्ति विभाग के जिलाधिकारियों से कहा कि वे जिले के सभी किसानों को खरीफ विपणन वर्ष-2017 में कौन सी फसल लें और कौन सी फसल न लें, इन्टरक्रापिंग कैसे करें, उन्हें यह मार्गदर्शन देने के लिए जिले के हर 10-20 गांवों के बीच एक-एक किसान जागरूकता सम्मेलन आयोजित करें। यह कार्य रबी फसल की बोनी से पहले कर लिया जाये।
उन्होने इन विभागाधिकारियों से कहा कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों को ताकीद करें कि वे किसानों की किन्ही भी प्रकार की समस्याओं के निवारण के लिए संवेदनशीलतापूर्वक कार्यवाही करें। प्रभारी मंत्री श्रीमती चिटनीस ने कहा कि राज्य सरकार ने आठ प्रकार की फसलों (सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उडद एवं तुअर) के लिये भावांतर भुगतान योजना प्रारंभ की गई है। किसानों को इसका लाभ दिलायें। मालूम हो कि इस योजना के तहत किसानों के पंजीयन 11 सितम्बर से प्रारंभ कर दिये जायेंगे। यह कार्य 11 अक्टूम्बर तक चलेगा। जिले के 41 पंजीयन केन्द्रों में यह कार्य किया जायेगा।

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