प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपने रिसर्च लैब का उद्घाटन कराने के बाद कारोबारी बाबा रामदेव ने खुलासा किया है कि अब वह देश में रेस्टोरेंट चेन चला रहे केएफसी, मैकडोनाल्ड और सबवे जैसे फूड चेन को टक्कर देने के लिए अपना हर्बल फूड चेन लेकर आ रहे हैं.
कंपनी की सेल में 10 हजार करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद बाबा रामदेव ने खुलासा किया कि अब वह अंतरराष्ट्रीय फूड चेन को भी ठीक उसी तरह मात देंगे जैसे उन्होंने मल्टीनैशनल एफएमसीजी कंपनियों को दिया है.
कंपनी की प्रेस कांफ्रेंस में बाबा ने अपने बिजनेस प्लान का खुलासा करते हुए कहा कि अच्छे स्वास्थ और बैलेंस्ड ग्रोथ के लिए जरूरी है कि लोगों को स्पेशल कंपाउंड से युक्त हर्बल डाइट का विकल्प मिले.
हरिद्वार की इस कंपनी ने 31 मार्च, 2017 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में 10,561 करोड़ रुपये का कारोबार किया. कंपनी नोएडा, नागपुर और इंदौर समेत कई स्थानों पर बड़ी उत्पादन इकाइयां लगा रही है जिससे उसकी उत्पादन क्षमता वर्तमान वर्तमान 35,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 60,000 करोड़ रुपये की हो जाएगी.
इस वित्त वर्ष में कंपनी मसालों, दालों, वनस्पति तेलों, बिस्कुटों, कंफेक्शनरी और जूसों जैसी श्रेणियों में अपना ध्यान बढ़ाना चाह रही है तथा इन श्रेणियों में और उत्पादों को शामिल करना चाह रही है.
गौरतलब है कि बाबा रामदेव ने 2017-18 में 20,000 करोड़ रुपये कारोबार का लक्ष्य रखा है. पातंजलि देशभर में वितरण नेटवर्क में वितरकों की संख्या दोगुना कर 12000 करने की भी योजना बनायी है. इसके अलावा कंपनी बाजार में अपनी उपस्थिति और मजबूत करना तथा ज्यादातर उत्पाद श्रेणियों में अगुवाई करना चाह रही है. इसी रणनीति के तहत बाबा अब फूड चेन के कारोबार में उतरने की योजना बना चुके हैं जिससे 20,000 के लक्ष्य को वह आसानी से पूरा कर सकें.
देश में कुल रीटेल बिजनेस का लगभग 57 फीसदी फूड मार्केट का है. बाजार के जानकारों का मानना है कि 2025 तक देश का फूड मार्केट तीन गुना बढ़कर 71 ट्रिलियन रुपये का हो जाएगा. बाबा की नजर मार्केट की इसी प्रोजेक्शन पर है जिससे वह आसानी से स्वदेशी, पतंजली और हर्बल के तर्ज पर अपनी जगह बना सकते हैं.