3 बड़ी टेलिकॉम फर्मों की ‘गुटबंदी’ की जांच करेगा CCI

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कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने अपनी शुरुआती जांच में पाया है कि भारती एयरटेल, आइडिया सेलुलर और वोडाफोन इंडिया ने रिलायंस जियो को पर्याप्त संख्या में प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन (PoI) नहीं देने के लिए गुटबंदी की थी। CCI ने कथित तौर पर बिजनस के गलत तरीके की एक विस्तृत जांच का ऑर्डर दिया है। पर्याप्त संख्या में PoI नहीं मिलने से रिलायंस जियो के नेटवर्क के जरिए कॉल करने में सब्सक्राइबर्स को काफी मुश्किलें हुई थी। यह जांच CCI के डायरेक्टर जनरल करेंगे।

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने ईटी को बताया कि CCI ने GSM टेलीकॉम कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन सेलुलर ऑपरेटर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के कामकाज की भी जांच करने का आदेश दिया है। CCI ने कहा कि यह पाया गया है कि COAI ने पहले से मौजूद टेलिकॉम कंपनियों के हितों को ऊपर रखने की कोशिश की थी और इन कंपनियों को अपने मंच का इस्तेमाल जियो के टेलिकॉम सेक्टर में आसानी से प्रवेश करने को रोकने के लिए करने की अनुमति दी थी। COAI के सदस्यों में भारती एयरटेल, आइडिया सेलुलर, वोडाफोन इंडिया, एयरसेल और टेलिनॉर के अलावा जियो भी शामिल है।

CCI मुकेश अंबानी के मालिकाना हक वाली जियो की ओर से पिछले वर्ष नवंबर में दर्ज कराई गई शिकायत की जांच कर रहा है। इसमें आरोप लगाया गया था कि पुरानी टेलिकॉम कंपनियों ने उसके खिलाफ गुटबंदी की थी और उसे अन्य नेटवर्क्स के लिए पर्याप्त संख्या में PoI उपलब्ध नहीं कराए थे। PoI दो अलग टेलीकॉम कंपनियों के बीच फिजिकल इंटरफेस होते हैं।

इस बारे में एयरटेल ने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। कंपनी का कहना था कि उसे CCI की ओर से कोई संदेश नहीं मिला है। एयरटेल के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम पहले ही बता चुके हैं कि हमने रिलायंस जियो को रिकॉर्ड समय में PoI की एक बड़ी संख्या उपलब्ध कराई है।’ आइडिया सेलुलर और वोडाफोन इंडिया ने इसे लेकर ईटी को कोई जवाब नहीं दिया।

COAI का कहना है कि उसने अभी तक आदेश नहीं देखा है क्योंकि यह प्रकाशित नहीं हुआ है। हालांकि, इसके साथ ही उसने कहा कि अगर CCI ने रिलायंस जियो की शिकायत पर जांच करने का फैसला किया है तो वह इसे लेकर निराश है।

सितंबर की शुरुआत में टेलिकॉम मार्केट में रिलायंस जियो की एंट्री के तुरंत बद जियो और पुरानी टेलिकॉम कंपनियों के बीच PoI को लेकर विवाद हुआ था और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए थे। जियो की पैरंट कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सितंबर के अंत में ईटी को दिए इंटरव्यू में PoI का विवाद उठाया था। उनका कहना था कि COAI के कामकाज की जांच करने की जरूरत है। वहीं, देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने ईटी से कहा था कि जियो के खिलाफ PoI कभी एक मुद्दा नहीं होगा और उनकी कंपनी पर्याप्त संख्या में PoI जियो को उपलब्ध करा रही है।

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