सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों के चार सदस्यीय पैनल के प्रमुख भारत के पूर्व नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय ने खुद को नाइटवॉचमैन करार दिया। उन्होंने कहा कि मेरा काम यह सुनिश्चित करना होगा कि बीसीसीआई के निर्वाचित पदाधिकारियों के चुनाव में कोई परेशानी नहीं आये।
सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के कामकाज के संचालन और न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा पैनल की अदालत से मंजूर सिफारिशों को लागू करने के लिये प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति गठित की।
राय से जब उनकी नई भूमिका के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय से मिले इस तरह के किसी भी सम्मान को स्वीकार कर अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए। मैं क्रिकेट के खेल का सच्चा प्रशंसक हूं। मेरी भूमिका इस संदर्भ में नाइटवॉचमैन की होगी कि हमें सुशासन, अच्छी व्यवस्था और बेहतर ढांचा तैयार करने की जरूरत है जिससे पदाधिकारियों का सुचारू तरीके से निवार्चन सुनिश्चित हो सके जो भविष्य में बीसीसीआई में अच्छा प्रशासन लेकर आएंगे।’
राय ने कहा, ‘खेल को इसकी (अच्छे प्रशासन) जरूरत है। खिलाड़ियों को इसकी जरूरत है और विशेषकर लोगों को इसकी जरूरत है जो इस खेल के दीवाने हैं। राय ने कहा कि क्रिकेट को सुशासन की जरूरत है लेकिन वह अपना पद संभालने के बाद ही बीसीसीआई पर किसी तरह की टिप्पणी करने की स्थिति में होंगे।’
उन्होंने कहा, ‘अभी कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी क्योंकि मुझे उस बारे में ज्यादा पता नहीं है और बीसीसीआई के कामकाज से परिचित नहीं हूं। लेकिन किसी भी संस्थान को सुशासन सुनिश्चित करना चाहिए। क्रिकेट के खेल को सुशासन की जरूरत है।’ राय से पूछा गया कि बीसीसीआई को ढर्रे पर लाने में उन्हें और उनकी टीम को कितना वक्त लगेगा इसपर उन्होंने कहा, मुझे इसका पता नहीं है। कुछ पता चलने पर ही मैं इस बारे में बता सकता हूं।