दिल्ली यूनिवर्सिटी के 2 लाख 70 हज़ार फाइनल ईयर के छात्र इन ऑनलाइन परीक्षाओं का इंतजार कर रहे हैं. 10 जुलाई को यह परीक्षाएं होनी थी लेकिन पोर्टल पर कुछ तकनीकी खामियां और कुछ छात्रों द्वारा दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई याचिका के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी ने परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था.
आज दिल्ली हाई कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रश्नपत्र पोर्टल और ईमेल दोनों के माध्यम से छात्रों को भेजे जाएं, छात्रों को उत्तर पत्र (answer sheet) अपलोड करने के लिए 1 घंटे का समय दिया जाएगा.
छात्रों को अगर ऑनलाइन परीक्षा में कोई परेशानी होगी तो ई मेल के माध्यम से वो यूनिवर्सिटी को सूचित कर सकते हैं,अगर छात्रों की परेशानी 48 घंटे में फ़िर भी दूर नहीं होती है तो फिर ग्रीवेन्स कमेटी छात्रों की परेशानी का निपटारा करें. ग्रीवेन्स कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस प्रतिभा रानी करेंगी.
इसके अलावा कॉमन सर्विस सेंटर इंटरनेट की सुविधा और अपनी तैयारियों को दुरुस्त रखेगा. दिल्ली हाई कोर्ट में ओपन बुक एग्जाम को ही छात्रों की तरफ़ से चुनौती दी गयी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा कि ऑनलाइन एग्जाम को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है ऐसे में दिल्ली यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन एग्जाम कराने चाहिए या नहीं यह फैसला सुप्रीम कोर्ट ही करेगा
कोर्ट ने कहा कि 10 अगस्त से शुरू होने वाले ओपन बुक एग्जाम को लेकर किस तरह की तैयारियां होनी चाहिए और छात्रों को क्या सुविधा मिलनी चाहिए, इसको लेकर हम आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे छात्रों को परेशानी ना हो.
10 अगस्त से शुरू होने वाले ओपन बुक एग्जाम के लिए छात्रों को कुल 4 घंटे का समय परीक्षा के लिए दिया गया है, जिसमें से 1 घंटे का समय answer sheet को अपलोड करने के लिए दिया जा रहा है. इससे पहले 23 जुलाई को हुई सुनवाई में दिल्ली यूनिवर्सिटी से हाई कोर्ट ने मॉक टेस्ट को लेकर पूरा ब्याैरा मांगा था.