MannKiBaat: उरी हमले पर बोले पीएम- ‘सेना बोलती नहीं, करके दिखाती है’

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 24वीं बार देश से ‘मन की बात’ की। ‘मन की बात’ में मोदी ने संबोधन की शुरुआत 18 सितंबर को हुए उरी हमले में शहीद 18 जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ की। उरी हमले को लेकर आक्रोश की तुलना 1965 के युद्ध के समय के रोष से करते हुए मोदी ने कहा कि इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को निश्चित तौर पर दंडित किया जाएगा तथा उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना बोलती नहीं, बल्कि पराक्रम दिखाने में विश्वास रखती है।

शांति, एकता और सद्भाव’ के माध्यम से ही समाधान
कश्मीर के लोगों के लिए संदेश देते हुए मोदी ने कहा कि ‘शांति, एकता और सद्भाव’ के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान किया जा सकता है और उन्होंने भरोसा जताया कि सभी मुद्दों का हल बातचीत के जरिए किया जा सकता है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम उन्होंने कहा, ‘‘यह कायरतापूर्ण कृत्य पूरे देश को झकझोरने के लिए काफी था। इसको लेकर देश में शोक और आक्रोश दोनों है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यह क्षति सिर्फ उन परिवारों की नहीं है जिन्होंने अपने बेटे, भाई और पति खोए हैं। यह क्षति संपूर्ण देश की है। इसलिए आज मैं वही कहूंगा जो मैंने उस दिन (घटना के दिन) भी कहा था और आज फिर दोहराता हूं कि दोषियों को निश्चित रूप से दंडित किया जाएगा।’’

सेना बोलती नहीं करती है
भारतीय सेना में विश्वास प्रकट करते हुए मोदी ने कहा कि वह अपने पराक्रम से इस तरह के सभी षडयंत्रों को विफल कर देगी। उन्होंने कहा, ‘‘सैनिक वे लोग हैं जो अदम्य साहस दिखाते हैं ताकि 125 करोड़ लोग शांतिपूर्ण ढंग से रह सकें।’’ मोदी ने कहा, ‘‘हमें अपनी सेना पर गर्व है। लोगों और नेताओं को बोलने के अवसर मिलते है और वे एेसा करते भी हैं। परंतु सेना बोलती नहीं है। सेना अपना पराक्रम दिखाती है।’’ प्रधानमंत्री ने 11वीं कक्षा के एक छात्र का संदेश पढ़ा जिसने उरी की घटना को लेकर आक्रोश प्रकट किया था और इसको लेकर कुछ करने की इच्छा जताई थी। इस छात्र ने काफी सोचने के बाद यह संकल्प लिया कि वह रोजाना तीन घंटे अतिरिक्त पढ़ाई करेगा ताकि देश के लिए योगदान दे सके।

दिव्यांगों को देखने का नजरिया बदला
पीएम मोदी ने रियो पैरालंपिक खेलों में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले भारतीय पैरालंपियनों की जमकर तारीफ करते हुए कहा है कि पैरालंपिक में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन ने दिव्यांगों को देखने का नजरिया ही बदल दिया है। भारत ने रियो पैरालंपिक में दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक हासिल किया है। पैरालंपिक में तीन महिलाओं समेत 19 एथलीटों ने हिस्सा लिया था। प्रधानमंत्री ने रियो पैरालंपिक के गोला फेंक एफ-53 स्पर्धा में रजत पदक जीतकर इतिहास रचने वाली महिला एथलीट दीपा मलिक की तारीफ करते हुए कहा कि मैं बहन दीपा मलिक की इस बात को कभी नहीं भूल पाऊंगा, जब उन्होंने पदक जीतने के बाद कहा था कि इस पदक से मैंने विकलांगता को ही पराजित कर दिया है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों में इच्छा शक्ति और संकल्प शक्ति का होना बहुत बड़ी बात है। मोदी ने भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले देवेन्द्र झाझरिया की तारीफ करते हुए कहा कि झाझरिया ने 12 साल में देश को दो स्वर्ण दिलाए। एक बार स्वर्ण जीतने के बाद जज्बा कुछ कम हो जाता है लेकिन उन्होंने दिखा दिया कि शरीर की अवस्था और उम्र का बढऩा, उनके संकल्प को कभी भी ढीला नहीं कर सकता। जो इंसान 23 साल की उम्र में पहला स्वर्ण पदक प्राप्त करे और 35 साल की उम्र में दूसरा। उसने जीवन में कितनी बड़ी साधना की होगी। पीएम ने इसके अलावा ऊंची कूद में स्वर्ण पदक जीतने वाले मरियप्पन थांगावेलु और इसी स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल करने वाले वरुण सी भाटी की भी जमकर तारीफ की।

डेढ़ करोड़ और शौचालय बनेंगे
पीएम मोदी ने दो वर्ष पहले शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत को अच्छा बताते हुए आम लोगों इस वर्ष दो अक्तूबर को इस मिशन में बढ़चढ़ कर भाग लेने और इसके फोटो एवं वीडियों नरेन्द्रमोदी ऐप पर अपलोड करने की अपील करते हुए कहा कि इसके तहत अब तक ग्रामीण भारत में ढाई करोड़ शौचालय बनाए जा चुके हैं तथा अगले एक वर्ष में डेढ करोड़ शौचालय बनाए जाने हैं। मोदी ने कहा कि 2 अक्तूबर को बापू की जयंती पर ‘स्वच्छ भारत मिशन’ प्रारंभ किया गया था। उस दिन स्वच्छता को स्वभाव बनने, इसे हर नागरिक का कर्तव्य होने तथा गंदगी के प्रति नफरत का माहौल बनने की अपील की गई थी और अब जब इसका दो वर्ष होने जा रहा है तब यह साफ गया है कि देश के सवा-सौ करोड़ देशवासियों के दिल में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है।

दान जीवन का आनंददायक अनुभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दानशीलता को जीवन का आनंददायक अनुभव बताते हुए युवकों को इसके लिए अधिक प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। मोदी ने देश के कई शहरों में 2 से 8 अक्तूबर तक मनाए जाने वाले ज्वाय आफ गिविंग वीक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक प्रकार का दान उत्सव है, जिसके लिए नौजवानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस कार्य में लगे युवकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीवन में देने का अपने-आप में एक आनंद होता है, चाहे कोई उसे मान्यता दे या न दे। देने की खुशी अद्भुत होती है। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील का जिक्र करते हुए कहा कि जब उन्होंने यह अपील की तो देशवासियों ने इस पर जो सकारात्मक प्रतिक्रिया दी, वह देश के राष्ट्रीय जीवन की एक बड़ी प्रेरक घटना थी।

इस बार पीएम मोदी को चौदह सौ से ज्यादा सुझाव MY GOV बेवसाइट पर भेजे गए हैं जिसमें ज्यादा राय उरी हमले पर ही थे। लोगों की मांग थी कि मोदी उरी हमले पर बोले और दोषियों को कड़ा संदेश दें। लोगों की मोदी से मांग है कि वे पाकिस्तान को वैसे ही सबक सिखाए जैसे 1965 में लाल बहादुर शास्त्री ने सिखाया था। यही उरी हमले में शहीद हुए जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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