आजकल दुनिया भर में कोरोना का प्रकोप बढ़ते ही जा रहा है। इस वायरस से बचने के लिये आपको किसी ने तीन परतों वाला मास्क पहनने की सलाह भी दी है, लेकिन कोरोना वायरस के खतरे के बारे में जानने के बाद बस्तर के कुछ इलाकों में आदिवासियों ने साल के पत्तों का ही मास्क बनाकर उसका उपयोग करना शुरू किया है।
पहन रहे हैं पत्तों के बने मास्क:
कांकेर जिले के अंतागढ़ के कुछ गांवों में जब एक बैठक बुलाई गई तो आदिवासी वहां पत्तों से बनाई गई मास्क पहनकर पहुंचे भर्रीटोला गांव के एक नौजवान ने बताया, ‘कोरोना के बारे में गांव के लोगों ने सुना तो दहशत में आ गए। हमारे पास कोई और उपाय नहीं था। गांव वालों के पास तो मास्क है नहीं। इसलिए हमारे गांव के लोग अगर घरों से बाहर निकल रहे हैं तो वे सरई के पत्तों वाले मास्क का उपयोग कर रहे हैं।’
चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह के मास्क एक हद तक तो बचाव करते हैं लेकिन इसमें सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।