हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा उनके राज्य के मेवात क्षेत्र में 2 बहनों के साथ सामूहिक दुष्कर्म व बिरयानी में गौमांस को लेकर विवादों को ‘छोटी-मोटी लगातार होती रहने वाली घटना’ बताने की तीखी आलोचना करते हुए बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने कहा कि इस प्रकार के गलत व महिला-विरोधी बयानों से भाजपा नेताओं का असली चाल, चरित्र व चेहरे जनता के सामने बेनकाब होते हैं। इसका संज्ञान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेना चाहिए और कड़ी कार्रवाई भी करनी चाहिए।
इस अवसर पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे जिम्मेदारी वाले पद पर बैठे व्यक्ति को यह कतई शोभा नहीं देता है कि वह महिला विरोधी इस प्रकार की गलत मानसिकता का सार्वजनिक प्रदर्शन करे। उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की पीड़ित 2 बहनों के प्रति सहानुभूति का भाव दिखाकर उनकी पीड़ा को कम करने व इंसाफ पाने की उम्मीद बढ़ाने के बजाय हरियाणा के मुख्यमंत्री के इस प्रकार की गलत बयानबाजी से ही आपराधियों के हौसले बढ़ते हैं। दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करके इस प्रकार की जघन्य घटनाओं को रोकने का प्रयास करने के बजाय ऐसी घटना को हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा छोटी-मोटी घटनाएं बताना बहुत ही दुखद व शर्मनाक है। भाजपा नेतृत्व व खासकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके इस आपत्तिजनक बयान का जरूर नोटिस लेना चाहिए
क्योंकि उन्होंने, ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ के अभियान की शुरूआत हरियाणा राज्य से ही की थी, परंतु उनके वहां के मुख्यमंत्री ही स्वयं महिलाओं की आबरू-इज्जत की खास परवाह नहीं कर रहे हैं।