RCom को सुप्रीम कोर्ट से राहत, संपत्ति बेचने से रोक हटाई

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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली टेलीकाम फर्म रिलायंस कम्युनिकेशंस की संपत्तियों की बिक्री पर बंबई हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटा ली। कोर्ट ने इस फर्म की संपत्तियों को बेचने से रोकने संबंधी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के पांच मार्च के आदेश के खिलाफ आरकॉम की अपील आठ मार्च को खारिज कर दी थी।

शीर्ष अदालत ने ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ आरकॉम की सहायक कंपनी रिलायंस इंफ्राटेक लि और भारतीय स्टेट बैंक की अलग अलग दायर अपीलों पर भी विचार किया था। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने संबंधित पक्षों को इस मामले में कानून के अनुरूप ट्रिब्यूनल के पास ही जाने के लिए कहा। आरकॉम ने पूर्व अनुमति के बगैर अपनी संपत्ति बेचने पर प्रतिबंध लगाने के उच्च कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। भारतीय स्टेट बैंक ने भी ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी। ट्रिब्यूनल ने आरकॉम की समेकित संपत्तियों पर स्वीडन की दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन को अपना दावा करने की अनुमति दे दी थी।

शीर्ष अदालत ने 22 मार्च को आरकॉम की संपत्तियां रिलायंस जियो को बेचने के मामले में यथास्थिति बनाये रखने का निर्देश दिया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले ऋणदाताओं के संयुक्त् फोरम की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में शीघ्र निर्णय की आवश्यकता है क्योंकि संपत्तियों की कीमत में गिरावट हो रही है। हालांकि, पीठ ने मेहता से जानना चाहा कि उच्च कोर्ट की कार्यवाही में वह शामिल क्यों नहीं हुए थे। आरकॉम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि एरिक्सन असुरक्षित ऋणदाता है। आरकॉम पर बैंकों का 42,000 करोड़ रुपए का बकाया है। आरकॉम ने अपने स्पेक्ट्रम, दूरसंचार टावर और अन्य बनियादी ढांच को बेचने के लिए रिलायंस जियो के साथ 17,300 करोड़ रुपए का करार कर रखा है जिसमें 1.78 लाख किलो मीटर फाइबर आप्टिक्स लाइनें भी शामिल हैं।

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