रेलवे को गति देने और ट्रेनों के परिचालन में समय की पाबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कई तरह की कोशिशों में जुटी हुई है. इसी के तहत आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मालगाड़ियों के लिए अलग से ट्रैक बनाए जाने की भी कवायद तेज हो गई है. अगर रेलवे और डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के अधिकारियों की कोशिश रंग लाई तो चुनाव से पहले कुछ रेलखंडों पर अलग ट्रैक पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू भी हो जाएगा.
अगर ऐसा होता है तो इसका सीधा फायदा मेल/एक्सप्रेस, राजधानी, दुरंतो समेत तमाम सवारी गाड़ियों के परिचालन को मिलेगा. निर्धारित समय से दो साल की देरी से चल रही इस परियोजना को हर हाल में 2019 तक 75 फीसदी पूरा करने का लक्ष्य किया गया है. कोशिश है कि जल्द से जल्द इसे पूरा किया जा सके ताकि ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान लोग राहत महसूस कर सकें.
कानपुर और मुगलसराय रेलखंड को सबसे अधिक फायदा
जाहिर तौर पर सरकार इस कवायद का लाभ लोकसभा चुनाव में लेना चाहती है. अभी ट्रेनों में हर दिन 2.3 करोड़ यात्री सफर करते हैं, जो ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान हैं. अलग ट्रैक बनने से सबसे ज्यादा फायदा कानपुर और मुगलसराय रेलखंड पर चलने वाली ट्रेनों और यात्रियों को होगा. यहां ट्रेनें सामान्य दिनों में भी 3-5 घंटे की देरी से चलती हैं.
दुर्गावती-सासाराम के बीच हुआ परिचालन
मालगाड़ियों के लिए रेल ट्रैक तैयार कर रहे रेलवे की इकाई डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के प्रबंध निदेशक आदेश शर्मा बताते हैं, ‘हम इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. बीते 30 मार्च 2016 को दुर्गावती-सासाराम 56 किलोमीटर रेलखंड पर पहली बार व्यवसायिक मालगाड़ी का परिचालन भी किया गया. हमारी कोशिश है कि दिसंबर 2019 तक 75 फीसदी रेलखंड पर इसे शुरू कर देने की कोशिश है.’
ड्रोन से रखी जा रही है नजर
उन्होंने बताया कि इसी कोशिश में मार्च 2018 तक 343 किलोमीटर लंबी लाइन खुर्जा से कानपुर और रेवाड़ी से फुलेडा के बीच 212 किलोमीटर लाइन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. शर्मा ने बताया कि पूरे लाइन की निगरानी ड्रोन से हो रही है ताकि छोटी से कमियों की जानकारी पर भी उसे तत्काल दूर किया जा सके.
100 किमी की रफ्तार से चलेगी मालगाड़ी
आदेश शर्मा ने बताया कि डीएफसी के शुरू होने से नियमित ट्रैक से 70 फीसदी ट्रेनें हट जाएंगी. ऐसे में सवारी गाड़ियों का परिचालन समय पर हो सकेगा. डीएफसी ट्रैक पर मालगाड़ियां 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलेंगी. साथ ही इस पर डबल डेकर ट्रेनें भी होंगी, जिससे अधिक मालढुलाई हो सकेगी.