बड़वानी – (ईपत्रकार.कॉम) |जिले में इस वर्ष अभी तक अच्छी वर्षा नही हुई है। जिसके कारण कई ऐसे तालाब है, जिनसे इस वर्ष पर्याप्त मात्रा में सिंचाई हेतु पानी नही दिया जा सकता है। ऐसे तालाबो के किनारे बोर्ड लगाया जाये, वही तालाब से सिंचाई सुविधा प्राप्त करने वाले किसानों को जानकारी दी जाये कि वे अपने खेत में कौन सी फसल लगाये, जिससे उन्हें आगे जाकर परेशानी न उठाना पड़े।
जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय शाह ने उक्त निर्देश जिला जल उपयोगिता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुये दिये। इस बैठक में कलेक्टर श्री तेजस्वी एस नायक, सिंचाई विभाग के कार्यपालन यंत्री श्री जीएस मण्डलोई सहित समस्त जल उपयोगिता समिति के अध्यक्ष, सचिव उपस्थित थे।
बैठक में प्रभारी मंत्री द्वारा दिये गये निर्देश :-
- जिले में 25 ऐसे तालाब है, जिनमें 25 प्रतिशत से कम पानी भरा है। इन तालाबों का पानी पशुओ के पेयजल, निस्तार सुविधा के लिये रखा जाये। इसकी जानकारी क्षेत्र के किसानो को बैठको के माध्यम से दिया जाये।
- जिले में 10 तालाब से एक पलेवा का पानी, 9 तालाब से एक पलेवा का पानी एवं एक सिंचाई का पानी तथा 59 तालाबों से एक पलेवा तथा तीन सिंचाई का पानी उनके भराव क्षमतानुसार दिया जा सकता है। इसकी जानकारी क्षेत्र के किसानो को समय रहते दिलवाई जाये। जिससे वे उचित फसल का चयन कर बुआई कर सके।
- जिन तालाबों से किसी नगरीय क्षेत्र को पेयजल की सुविधा दी जाती है वहॉ पर सर्वोच्च प्राथमिकता पेयजल की व्यवस्था को दिया जाये।
- जिले में बोरी बंधान का कार्य तत्काल प्रारंभ कर पूर्ण कराया जाये। इसी प्रकार जल संरचनाओं के गेट-कढ़ी शटर भी 1 अक्टूबर को लग जाये। यह सुनिश्चित किया जाये।
- प्रति सप्ताह कलेक्टर स्वयं पेयजल व्यवस्था की समीक्षा करेंगे।
- जिन तालाबो, नहरो के संधारण – मरम्मत में अधिक लागत आ रही है, उनके प्रस्ताव बनाकर उच्च स्तर पर भेजा जाये। जिससे इनकी स्वीकृति करवाई जा सके।
- जल उपयोगिता समिति के पदाधिकारियो से प्राप्त प्रस्ताव का परीक्षण कराया जायेगा। जो तालाब लोअर गोई डेम तथा इंदिरा सरोवर की नहरों से पुनः भरे जा सकते है, उनके लिये ऐसी व्यवस्था कराई जायेगी।
- तालाबों के पानी का समुचित उपयोग हो सके, इसके लिये अभी से नहरों की मरम्मत का कार्य पूर्ण करा लिया जाये।
- जिले में नवीन निर्मित 15 बैराज लबालब भर गये है। इस स्थिति लाभ कुशलता से उठाया जाये। जिससे चयनित 3389 हैक्टर क्षेत्र में सिंचाई उपलब्ध हो सके।