महिला एवं बाल विकास विभाग अति कम वजन के बच्चों को रेड जोन से बाहर निकालने में गंभीरता से काम करें। विभाग के कार्यों की सार्थकता तभी होगी जब जिले में कोई भी कुपोषित बच्चा इस दायरे में नहीं रहेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग इस कार्य में शोर्या दलों की मदद ले। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रेरकों की सहायता भी ले।
ऐसे प्रेरक जो बच्चों को रेड जोन से बाहर निकालने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद करेंगे उन्हें मानदेय भी सुनिश्चित किया जाए। इस आशय की एक प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए। कलेक्टर आशीष सिंह ने महिला एवं बाल विकास की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनीता यादव सहित जिले के सभी परियोजना अधिकारी उपस्थित थे।