अमरीका और चीन मिलकर सिखाएंगे उत्तर कोरिया को सबक!

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अमरीका और चीन उत्तर कोरिया के कारण मंडराने वाले खतरे से निपटने के लिए एक रचनात्मक द्विपक्षीय संबंध पर सहमत हो गए हैं। उत्तर कोरिया की आेर से यह खतरा संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बावजूद उसके द्वारा बार-बार किए गए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों की वजह से है।

विदेश मंत्रालय के कार्यवाहक प्रवक्ता मार्क टोनर ने बताया कि अमरीकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कल अपने चीनी समकक्ष यांग जाइची से फोन पर बात की और रचनात्मक द्विपक्षीय संबंध की महत्ता पर चर्चा की।उन्होंने इस फोन कॉल से जुड़ी विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा,‘‘दोनों पक्ष क्षेत्रीय स्थिरता पर उत्तर कोरिया के कारण मंडराने वाले खतरे से निपटने की जरूरत पर सहमत हो गए।’’

टोनर ने कहा कि दोनों नेताओं ने आर्थिक एवं व्यापारिक मामलों पर चर्चा करने के साथ-साथ आतंकवाद से निपटने, कानून प्रवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय अपराध से निपटने पर सहयोग करने पर चर्चा की।इससे पहले अमरीका और जापान ने उत्तर कोरिया से अपील की थी कि वह अपना परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम छोड़ दे।उन्होंने प्योंगयांग को चेतावनी भी दी थी कि वह आगे कोई ‘‘भड़काउ काम’’ न करे।चीन ने उत्तर कोरिया से होने वाले कोयले के आयात को शेष वर्ष के लिए निलंबित भी कर दिया है।यह प्रतिबंध सुरक्षा परिषद द्वारा नवंबर 2016 में लगाए गए प्रतिबंधों के अनुरूप है।ये प्रतिबंध पिछले साल के अगस्त में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए पांचवें परमाणु परीक्षण के कारण लगाए गए थे।

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