कश्मीर पर बयानबाजी: तुर्की और मलयेशिया को बड़ा झटका देने की तैयारी में भारत

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कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने वाले तुर्की और मलयेशिया को भारत बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों से सामानों के आयात को सीमित करने के लिए नरेंद्र मोदी की सरकार टैरिफ तथा गैर-टैरिफ दोनों ही विकल्पों पर विचार कर रही है। सरकार के इस कदम से दोनों देशों को काफी आर्थिक मार पड़ेगी।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने हालांकि यह भी कहा है कि इसपर अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। विकल्पों में कठोर क्वालिटी टेस्ट तथा मौजूदा करों के अलावा एक सेफगार्ड टैक्स लगाना शामिल है।

द्विपक्षीय व्यापार
31 मार्च, 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में दोनों देशों के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार कुल व्यापार का महज 2.9% रहा है। नई दिल्ली तुर्की के साथ ट्रेड सरप्लस में है, जबकि पॉम ऑइल के आयात के कारण मलेशिया के साथ उसका व्यापार घाटे में है। हालांकि, मंगलवार को भारत ने मलयेशिया को जोर का झटका दिया है। एक प्रभावी इंडियन प्रोसेसर्स ग्रुप ने अपने सदस्यों से कहा है कि वे मलयेशिया से पॉम ऑइल की खरीदारी तत्काल बंद कर दें।

ड्यूटी में और होगी बढ़ोतरी
भारत ने अपने घरेलू उद्योग की सुरक्षा का हवाला देते हुए पिछले महीने मलयेशिया से आयातित होने वाले रिफाइंड पॉम ऑइल पर छह महीने के लिए कस्टम ड्यूटी में 5% की बढ़ोतरी की थी। इस ड्यूटी में और बढ़ोतरी की जा सकती है।

मलयेशिया नहीं जाएगा WTO
मलयेशिया के प्रधानमंत्री डॉक्टर महातिर मोहम्मद ने मंगलवार को कहा कि भारत द्वारा पॉम ऑइल की खरीद बंद करने के मुद्दे को वह ‘फिलहाल’ विश्व व्यापार संगठन पास नहीं ले जाएंगे और वह अपने उस बयान से भी पीछे नहीं हटेंगे, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत ने कश्मीर पर ‘धावा बोलकर कब्जा’ जमा लिया।

पीएम ने तुर्की का दौरा रद्द किया
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति रिजेब तैय्यप अर्दोआन द्वारा कश्मीर के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के खिलाफ की गई बयानबाजी को लेकर तुर्की से अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए पहले से तय अंकारा के दौरे को रद्द कर दिया। तुर्की से भारत मिनरल फ्यूल्स और ऑइल, न्यूक्लियर रिक्टर्स और नमक का आयात करता है।

कश्मीर भारत का आंतरिक मामला
भारत ने कश्मीर मुद्दे पर तुर्की एवं मलयेशिया के बयान की ‘कड़ी निंदा’ करते हुए देश के आंतरिक मुद्दे से जुड़े विषय पर इन दोनों के बयान को ‘तथ्य से परे’ बताया तथा मित्रतापूर्ण संबंधों की ओर ध्यान दिलाते हुए उनसे ऐसे बयान देने से बचने को कहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर को लेकर हाल का भारत का निर्णय पूरी तरह से आंतरिक मामला है।’

मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इस विषय पर कई बार तथ्य रख चुके हैं। तथ्य यह है कि जम्मू कश्मीर ने भारत के साथ विलय के प्रपत्र पर हस्ताक्षर किया था। पाकिस्तान ने उस पर हमला किया और जम्मू कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया। इसे संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी माना है । इसके साथ ही जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में हाल का घटनाक्रम भारत का आंतरिक मामला है ।

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