कोलकाता: डॉक्टरों से बदसलूकी, समर्थन में उतरे दिल्ली-मुंबई के भी डॉक्टर, मरीज परेशान

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पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव से शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई अब सिस्टम की लड़ाई बनती जा रही है. यहां एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना से मेडिकल एसोसिएशन में गुस्सा है, डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं तो वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी डॉक्टरों पर ही हमलावर हैं. बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का असर अब देश के अन्य हिस्सों में भी दिखना शुरू हो गया है.

राजधानी दिल्ली में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने हड़ताल बुलाई है, जिसका असर AIIMS जैसे बड़े अस्पतालों में देखने को मिलेगा. इसके अलावा मुंबई में भी डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया है. मुंबई के डॉक्टरों का कहना है कि वह साइलेंट प्रोटेस्ट करेंगे.

बंगाल की घटना के बाद गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टरों ने पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और 14 जून को हड़ताल पर जाने की बात कही. ऐसे में दिल्ली में भी आज आपको डॉक्टर मरीजों का इलाज करते नहीं बल्कि प्रदर्शन करते दिख सकते हैं.

मामला इतना बढ़ गया है कि अदालत तक पहुंच गया है, हड़ताल को लेकल कलकत्ता हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसपर आज सुनवाई होनी है.

ममता ने बीजेपी को कोसा!
डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने को ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की साजिश बताया है. ममता ने कहा है कि बीजेपी अब डॉक्टरों को भी अपने जाल में फंसा रही है. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट भी लिखा और भाजपा को घेरा. उन्होंने लिखा कि NRS अस्पताल में जो भी हुआ वह गलत था, मैंने अपने मंत्री को भी भेजा था. लेकिन डॉक्टर मान नहीं रहे हैं, इसकी वजह से मरीजों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बंगाल को सांप्रदायिक माहौल में झोंकना चाहते हैं. उन्होंने बीजेपी पर ही डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया. उधर बंगाल में भी कई दल और समूह डॉक्टरों का समर्थन कर रहे हैं, कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम की बेटी शबा हकीम भी डॉक्टरों के समर्थन में उतर आई हैं.

राज्य सरकार करेगी बड़ी कार्रवाई!
पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया जाएगा.

उन्होंने विपक्षी दलों पर हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को भड़काने का आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी दल ममता बनर्जी सरकार की मुफ्त चिकित्सा सेवा योजना को बंद कराना चाहते हैं.

क्यों भड़का माहौल?
दरअसल, ये घटना 10 जून करीब साढ़े पांच बजे की है. जब नील रत्न सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा- जब तक परिजन हमसे माफी नहीं मांगते हम प्रमाण पत्र नहीं देंगे.

इस मामले में फिर हिंसा भड़क गई, कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया. इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं. और उसके बाद जब ममता बनर्जी ने हड़ताल वाले डॉक्टरों की निंदा की तो मामला तूल पकड़ता गया. NRS कॉलेज के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल अभी तक इस मामले में अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं.

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