खेल मंत्रालय ने आईओए को अस्थायी तौर पर निलंबित किया

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नयी दिल्ली : खेल मंत्रालय ने दागी सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला को भारतीय ओलंपिक संघ का आजीवन अध्यक्ष बनाने पर आज कडी कार्रवाई करते हुए आईओए को इन दोनों की नियुक्ति का फैसला वापस लेने तक अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया. मंत्रालय ने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘सरकार ने भारतीय ओलंपिक संघ ( आईओए ) को दी गयी मान्यता सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला वापस लेने तक निलंबित कर दी है.’
इसमें कहा गया है, ‘‘ निलंबन के दौरान आईओए राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ( एनओसी ) के तौर पर सरकार से मिले विशेषाधिकारों का उपयोग नहीं कर पाएगा. इसके साथ ही आईओए को मिलने वाली सभी तरह की वित्तीय या अन्य तरह की सरकारी मदद भी रोक दी जाएगी. ‘ कलमाडी और चौटाला को 27 दिसंबर को चेन्नई में आईओए की वार्षिक आम बैठक में आजीवन अध्यक्ष बनाया गया था जिससे भारतीय खेल समुदाय हैरान और खेल मंत्रालय नाराज था. मंत्रालय ने आईओए को कारण बताओ नोटिस जारी किया था जिसका उसे आज शाम पांच बजे तक जवाब देना था.

बयान के अनुसार, ‘‘आईओए को कारण बताओ नोटिस का आज शाम पांच बजे तक जवाब देना था. आईओए ने आज कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिये समयसीमा बढाकर 15 जनवरी करने के लिये कहा. उसने कहा कि आईओए अध्यक्ष देश से बाहर हैं और उसे उनसे सलाह मशविरा करना होगा. ‘ मंत्रालय ने कहा, ‘‘सरकार आईओए के जवाब से संतुष्ट नहीं है क्योंकि उसने विशेषकर सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला की अयोग्यता के संबंध कोई ठोस जवाब नहीं दिया. सरकार का मानना है कि आईओए का जवाब केवल समय आगे बढाने की चाल है.’

खेल मंत्रालय ने कहा कि आईओए ने कलमाडी और चौटाला को आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करके सुशासन की शर्तों का गंभीर उल्लंघन किया है. मंत्रालय ने कहा, ‘‘ सभी खेलों की अग्रणी संस्था आईओए ने सुशासन की शर्तों का गंभीर उल्लंघन किया है और इसके लिये तुरंत सुधारात्मक कदम उठाये जाने की जरूरत है क्योंकि यह राष्ट्रीय प्रतिष्ठा और आम जन की भावनाओं से जुडा मसला है. ‘

बयान के अनुसार, ‘‘सरकार हालांकि ओलंपिक चार्टर का पूरा सम्मान करती है और वह खेलों की स्वायत्ता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन वह आईओए द्वारा सुशासन और नैतिकता के सिद्वांतों का स्पष्ट उल्लंघन पर मूक दर्शक बनकर नहीं रह सकती है क्योंकि इससे देश की छवि और प्रतिष्ठा जुडी है. ‘ इसमें कहा गया है ‘‘इसलिए सरकार ने आईओए को जो मान्यता प्रदान की है उसे आईओए द्वारा जरूरी सुधारात्मक उपाय किये जाने तक निलंबित करने का फैसला किया गया है. ‘ कलमाडी 1996 से 2011 तक आईओए अध्यक्ष रहे और 2010 दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के संलिप्तता के कारण उन्होंने 10 महीने जेल में भी बिताये लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा किया गया.

चौटाला दिसंबर 2012 से फरवरी 2014 तक आईओए अध्यक्ष रहे जबकि राष्ट्रीय ओलंपिक संस्था को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने ऐेसे उम्मीदवारों को चुनाव में उतारने के कारण निलंबित कर दिया था जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल थे. आईओसी ने बाद में आईओए प्रमुख के तौर पर चौटाला के चुनाव को रद्द कर दिया था.

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