दूरसंचार क्षेत्र को काई भी मारना नहीं चाहता: SBI

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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को कहा कि दूरसंचार क्षेत्र को कोई मारना नहीं चाहता। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक ने यह बात ऐसे समय कही है जबकि पहले से भारी कर्ज में दबी दूरसंचार कंपनियों पर उच्चतम न्यायालय के हाल के निर्णय के बाद 1.47 लाख करोड़ रुपए के साविधिक बकाए के भुगतान का दबाव भी आ गया है।

एसबीआई प्रमुख से जब पूछा गया कि क्या सरकार ने इस मामले में बैंकों से कोई राय मांगी है तो उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक को इस मुद्दे पर सरकार से कुछ भी सुनने को नहीं मिला है। दूरसंचार उद्योग के समक्ष समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा,‘‘मैं यह स्पष्ट कर दूं कि कोई भी इस क्षेत्र को मारना नहीं चाहता।” इस महीने की शुरूआत में कुमार ने कहा था कि भारतीय स्टेट बैंक का दूरसंचार क्षेत्र पर 29,000 करोड़ रुपए का बकाया है। इसके अलावा इस क्षेत्र की बैंक गारंटी में इस बैंक के 14,000 करोड़ रुपए लगे हुए हैं।

दूरसंचार कंपनियों द्वारा बकाए का भुगतान नहीं करने की स्थिति में सरकार बैंक गारंटी भुना सकती है। इस मामले को लेकर पिछले सप्ताह दूरसंचार कंपनियों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुई हैं। इससे पहले, इस महीने उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों से स्पेक्ट्रम शुल्क और सकल समायोजित राजस्व (एजीआर) के मद का 1.47 लाख करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया 17 मार्च तक जमा करने को कहा है। इतनी बड़ी राशि के बकाये के भुगतान का कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर फर्क पड़ सकता है। अकेल वोडाफोन-आइडिया पर, दूरसंचार विभाग के अनुमान के अनुसार 53,000 करोड़ रुपए का बकाया है।

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