केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि नोटबंदी से आतंकवाद तुरंत खत्म नहीं हो सकता लेकिन इस कदम से आतंकवादियों और नक्सलियों की ताकत कम हुई है । उन्होंने यहां मीडियाकर्मियों के साथ संवाद में कहा कि मैं खुफिया सूचनाओं और बैंकों से दी गई जानकारी के आधार पर कह रहा हूं कि नोटबंदी के कारण आतंकवादियों की परेशानी बढ़ी है और उनकी ताकत कम हुई है । कई खाते भी जख्त किए गए हैं ।‘
नोटबंदी के बाद नगरोटा समेत कई आतंकवादी हमले होने और आतंवादियों के पास से 2000 के नए नोट बरामद होने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या चुटकी बजाते खत्म नहीं हो सकती । उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में आतंकवाद और नक्सल समस्या कम हुई है और पिछले दो वर्षाें में तुलनात्मक रूप से सर्वाधिक संख्या में आतंकवादी मारे गए हैं । यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को चुनावों में नोटबंदी का फायदा मिलेगा, उन्होंने कहा कि यह फैसला राजनीतिक नफे-नुकसान को ध्यान में रखकर नहीं किया गया है । बेंगलुरु में नववर्ष के जश्न के दौरान कुछ महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना पर कर्नाटक सरकार से रिपोर्ट मांगने से उन्होंने यह कहकर इन्कार किया कि केंद्र हर घटना की रिपोर्ट नहीं मांगता। लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा कि महिलाओं की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का केेंद्र के साथ टकराव से जुड़े प्रश्न पर राजनाथ ने कहा कि उनकी सरकार टकराव की राजनीति नहीं करती और यदि जरूरत हुई तो बनर्जी से बातचीत की जाएगी ।
पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैशे मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने में चीन द्वारा संयुक्त राष्ट्र में अड़ंगा लगाये जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि भारत अब भी यह अपेक्षा करता है कि चीन हिन्दुस्तान के साथ खड़ा होगा । इसके लिए प्रयास जारी हैं । गृह मंत्री ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर के लोगों से बातचीत करने गयी टीम के बाबत सवाल पर कहा कि मंत्रालय को उनकी इस यात्रा की जानकारी तक नहीं थी । उन्होंने स्पष्ट किया कि श्री सिन्हा को सरकार की ओर से नहीं भेजा गया था ।
उन्होंनें ने मालेगांव विस्फोट मामले की जांच पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी इसकी जांच कर रही है । इस जांच को लेकर एनआईए पर उच्चतम न्यायालय की विपरीत टिप्पणियों पर उन्होंने कहा कि न्यायालय की टिप्पणियों के आधार पर किसी संस्था की विश्वसनीयता खराब नहीं होती।