परमात्मा से सदैव सदबुद्धि मांगो – महामंडलेश्वर श्री विवेकानन्द जी पुरी

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श्योपुर – ईपत्रकार.कॉम |परमात्मा से सदैव सदबुद्धि मांगो इससे बढा कोई वरदान नही है। बुजुर्ग लोग सेवा करने से भी बुद्वि प्राप्त होती है। उक्त उदगार कराहल सीडब्ल्यूसी परिसर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यात्रा के प्रमुख संत एवं जुना अखाडे के महामंडलेश्वर श्री विवेकानन्द जी पुरी महाराज ओकारेश्वर ने व्यक्त किये। इस अवसर पर सांसद श्री अनूप मिश्रा, पूर्व विधायक श्री बाबूलाल मेवरा, श्री तूफान सिंह, नई दिल्ली से आये प्रोफेसर श्री सतीश जी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कविता मीणा, उपाध्यक्ष श्रीमती सीमा जाट, भाजपा जिलाध्यक्ष श्री अशोक गर्ग, पूर्व जिला अध्यक्ष श्री महावीर सिंह सिसौदिया, श्री बिहारी सिंह सोलंकी, श्री रामलखन नापाखेडली, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री धर्मेन्द मीणा, एकात्म यात्रा के प्रभारी श्री कैलाश नारायण गुप्ता, जनपद अध्यक्ष श्रीमति रामदासी आदिवासी, श्री सीताराम आदिवासी, श्री बीके शर्मा, श्री युवराज सिंह, श्री देवकीनन्दन पालीवाल, श्री अरविन्द सिंह जादौन, श्री शाडिल्य, श्री कैलाश सीरोठिया, श्री सतीश समाधिया, कलेक्टर श्री पीएल सोलंकी, पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह, जनअभियान परिषद की श्रीमती नेहा सिंह आदि उपस्थित थे।

जुना अखाडे के महामंडलेश्वर श्री विवेकानन्द जी पुरी महाराज ने कहा कि एकात्म यात्रा का केन्द्र बिन्दु आदि गुरू शंकराचार्य जी महाराज है। जिसमें सभी संत समाज शामिल होकर ओकारेश्वर में 108 फीट उची प्रतिमा स्थापन के लिए गांव गांव जाकर धातु संग्रहण के कार्य में लगे हुए है। इस अवसर पर उन्होने अद्वेत मत के सिद्धात पर विचार व्यक्त किये तथा आदि गुरू शंकराचार्य जी महाराज के संन्यायी बनने का दृष्टांत सुनाया। उन्होने कहा कि 32 वर्ष की आयु में तीन बार सम्पूर्ण देश की परिक्रमा करने वाले शंकराचार्य महाराज ने एकात्मता का सिद्धात दिया। इस अवसर पर उन्होेने आदि गुरू शंकराचार्य जी के जीवन वृतांत से लोगो को अवगत कराया तथा कई दृष्टांत दिये। उन्होने कहा कि किसी ट्रिक से भगवान नही मिलते बल्कि ट्रेक पर चलने से भगवान मिलते है। उन्होने कहा कि किसी धार्मिक स्थान पर लगे ध्वज को प्रणाम करने से भी पुण्य प्राप्त होता है। इस अवसर पर उन्होने कर्म बडा है अथवा कृपा इस पर व्याख्यान दिया। उन्होने कहा कि सेवा ही सबसे बडा धर्म है चाहे देश सेवा हो, गुरू की सेवा हो या फिर माता पिता की।

18 भाषाओ के ज्ञाता एवं भौतिक शास्त्र के विशेषज्ञ महामंडलेश्वर श्री विवेकानन्द जी पुरी ने कहा कि ओकारेश्वर में उनके द्वारा आईटीआई के लिए छात्रो को मार्गदर्शन दिया जाता है। यदि आदिवासी अंचल में कोई ऐसा विद्यार्थी हो जो अध्ययन में प्रविणता रखता हो तो उसे सहायता उपलब्ध कराई जायेगी। इस अवसर पर उन्होने स्वच्छता का संदेश दिया तथा स्वसहायता समुह की महिलाओ को स्वावलम्बी बनने का आर्शीवाद प्रदान किया।

सांसद श्री मिश्रा ने धर्म ध्वजा को नमन करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की माटी संतो की माटी है। प्रदेश सरकार का यह निर्णय हमारी परम्पराओ एवं संस्कृति को बल प्रदान करता है। उन्होने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य जी महाराज की प्रतिमा स्थापना हमारा धर्म है। लालबहादुर शास्त्री संस्थान दिल्ली में अद्वैत दर्शन के विद्वान प्रो. सतीश राव ने आदि गुरू शंकराचार्य जी के दर्शन पर विचार व्यक्त किये। जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष धर्मेन्द्र मीणा तथा भाजपा जिला अध्यक्ष श्री अशोक गर्ग द्वारा उपस्थित जनसमुदाय को एकात्मता की शपथ दिलाई गई। जिले में एकात्म यात्रा के आयोजन पर कलेक्टर श्री पीएल सोलंकी द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।

जिले में यात्रा के समापन तथा शिवपुरी जिले के लिए प्रस्थान अवसर पर सासंद श्री अनूप मिश्रा द्वारा मप्र मछुआ बोर्ड के अध्यक्ष व राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त श्री राजू बाथम को धर्म ध्वजा सौपी गई। कार्यक्रम के अंत में महामंडलेश्वर श्री विवेकानन्द जी पुरी महाराज ओकारेश्वर, सांसद श्री अनूप मिश्रा, एवं नई दिल्ली से आये प्रोफेसर श्री सतीश जी को जिला प्रशासन की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।

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