पेयजल उपलब्धता प्राथमिकता में रखें – कलेक्टर

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 राजगढ़– ईपत्रकार.कॉम |कलेक्टर श्री कर्मवीर शर्मा द्वारा जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं नगरीय निकाय के समस्त मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया है कि नागरिकों को पेयजल की उपलब्धता प्राथमिकता में रखें। पानी का अपव्यय रोकें एवं क्षेत्र में उपलब्ध पानी का पेयजल एवं निस्तार के अलावा सिंचाई आदि में नही हो, सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री शर्मा द्वारा जिले में पेयजल की उपलब्धता, प्रदाय व्यवस्था, पेयजल स्त्रोतों की स्थिति एवं पेयजल समस्याग्रस्त क्षेत्रों की गत दिवस आयोजित बैठक में समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर जिले के समस्त अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यात्रिकी मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं उपयंत्री मौजूद रहे।

समीक्षा के दौरान उन्होने निर्देशित किया कि विद्युत के कारण नलजल प्रदाय व्यवस्था बाधित नही हों। नीचे चले गए भू-जलस्तर वाले नलकूपो में राईजर पाईप बढाएं एवं आवश्यक होने पर सिंगल फेस की विद्युत मोटर डालें। उन्होने निर्देशित किया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पाईप, राईजर पाईप एवं सिंगल फेस विद्युत मोटर आदि का अनुविभागवार भण्डारण की व्यवस्था करें, ताकि हेण्ड पंप मरम्मत एवं पाईप आदि व्यवस्था की आपूर्ति में अनावश्यक विलंब नही हों। उन्होने पेयजल समस्या ग्रस्त क्षेत्रों में नवीन जल स्त्रोतो का चिन्हांकन करने तथा नवीन नलकूप खनन के लिए बोर मशीनों की संख्या बढाने के भी कडे निर्देश दिए। उन्होंने कहा आवश्यक होने पर बोरवेल मशीन किराए से ली जाएं एवं प्रदेश से बाहर की मशीन अधिग्रहित कर नलकूप खनन का कार्य कराया जाए। इसके साथ ही उन्होंने वर्षा होने तक पेयजल की उपलब्धता का आंकलन करने एवं आवश्यकता अनुसार पूर्व से तैयारी भी रखने की हिदायत सर्व संबंधितो को दिए।

उन्होंने ग्रीष्म ऋतु में आग लगने की ज्यादा संभावनाओं को देखते हुए फायरब्रिगेड दुरूस्त रखने एवं टेंकरों में मोटर लगाकर आकस्मिक परिस्थितियों में उपयोग हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश सर्व संबंधितों को दिए। उन्होंने कहा की आगजनी की घटनाओं में प्रभावित स्थलों पर शीघ्र पहुँच एवं नियंत्रण सुनिश्चित रहे इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही की शिकायतें नही मिले।

गेहूँ उपार्जन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया है की जिले के उपार्जन केन्द्रों में 20 मई 2018 तक खरीदी का कार्य किया जाएगा। ऐसे गेहूँ उपार्जन केन्द्र जहां किसानों की संख्या अब कम हो गई वहां शेष रहे किसानों को उपार्जन केन्द्रों में शीघ्रतिशीघ्र गेहूं लाने हेतु एस.एम.एस. किए जाएं और मोबाईल पर संपर्क कर प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे उपार्जन केन्द्रो से एक-एक तौल कांटा तथा आवश्यक छन्ना कृषि उपज मंडियों को उपलब्ध कराया जाए ताकि समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों को बिक्री करने आने वाले किसानों की उपज खरीदी में और गति बढे। इस अवसर पर उन्होने कृषि उपज मंडियों एवं उपार्जन केन्द्रों में पेयजल की उपलब्धता तथा छायादार व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की तथा कृषकों की सुविधाओं के मद्येनजर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

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