प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अब प्रदेश के सभी 51 जिले में लागू होगी। पूर्व में यह सिर्फ 22 जिले में थी। हाल ही में इस योजना के संबंध में 22 जिले के अधिकारियों को प्रशिक्षण देने के लिये हुई कार्यशाला में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के आग्रह पर केन्द्र सरकार ने शेष 29 जिले में भी इस योजना को लागू करने पर सहमति दे दी है। यह जानकारी किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने दी है।
मंत्री श्री बिसेन ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में किसानों के खेत तक पानी पहुँचे, यह सुनिश्चित किया जायेगा। इस संबंध में शेष 29 जिले के अधिकारियों की कार्यशाला 28-29 जनवरी को भोपाल में होगी। इसके पूर्व वर्ष 2012 बैच के 16 आईएएस, 6 आईएफएस अधिकारी को योजना के संबंध में दिल्ली में मास्टर-ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया गया था।
श्री बिसेन ने बताया कि योजना के तहत 4 घटक हैं, जिनके जरिये इसे क्रियान्वित किया जायेगा। पहला घटक एक्सीलेटेड एरिगेशन बेनिफिट प्रोग्राम है, जिसमें वृहद-मध्यम सिंचाई परियोजना पर कार्य किया जायेगा। दूसरा घटक ‘हर खेत को पानी” में सतही, भूमिगत संरचना के जरिये सिंचाई संसाधन विकसित किये जायेंगे। तीसरे घटक पर ‘ड्राप मोर क्रॉप योजना” में सूक्ष्म सिंचाई योजना के कार्य लिये जायेंगे। चौथे घटक जल-ग्रहण क्षेत्र में वॉटर-शेड कार्यक्रम और मनरेगा के जरिये सिंचाई योजना बनायी जायेंगी। योजना में 60 प्रतिशत अंश भारत सरकार का और 40 प्रतिशत राज्य सरकार का होगा। योजना लागू करने के लिये जिला-स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला सिंचाई आयोजना समिति का गठन किया गया है। योजना की जानकारी देने के लिये पहले चरण के 22 जिले के लिये 2 करोड़ की पहली किस्त भारत सरकार द्वारा दी गयी है। इसके अलावा योजना में ‘पर ड्राप मोर क्रॉप” के लिये 41 करोड़ 37 लाख 50 हजार, आत्मा में 2 करोड़ 61 लाख 92 हजार, मनरेगा में 5 करोड़ 30 लाख और वॉटर-शेड कार्यक्रम में 13 करोड़ 60 लाख रुपये दिये गये हैं।