मंगलवार को मां गौरी का रखा जाता है व्रत

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सावन की शुरुआत हो चुकी है। सावन में सोमवार को भगवान शिव की पूजा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हिन्दू धर्म में सोमवार को विशेष महत्व दिया गया है। इसके साथ-साथ मंगलवार को भी महत्वपूर्ण माना गया है। सावन में मंगलवार को मां पार्वती की पूजा की जाती है और इस दिन व्रत भी रखा जाता है। मान्यता है कि मां पार्वती की आराधना करने से दांपत्‍य जीवन के कष्‍ट दूर होते हैं।

सामान्यत: लोग सावन को सिर्फ शिव भगवान शिव की पूजा के लिए जानते हैं। मगर ऐसा नहीं है। यह महीना शिव प्रिया पार्वती को भी बहुत प्रिय है। इसी वजह से सावन के मंगलवार को देवी पार्वती की पूजा और आराधना की जाती है। यह मंगला गौरी के नाम से प्रचलित है। इस बार सावन का पहला मंगलवार 23 जुलाई को है। जबकि दूसरा 30 जुलाई, तीसरा 6 अगस्त और चौथा 13 अगस्त को है। यह इस सावन का आखिरी मंगलवार होगा।

मंगला गौरी व्रत की बात करें तो इसका एक नियम है। इस व्रत के लिए व्रती को सूर्योदय से पहले जगना होता है। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर स्नान करना होता है। इसके पश्चात मां गौरी की मूर्ती को चौकी पर लाल रंग के वस्त्र को बिछाकर स्थापित करना होता है। इसके बाद व्रत का संकल्प लेना पड़ता है। इस दौरान दीपक जलाकर मां गौरी की पूजा की जाती है। पूजा में माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करना होता है।

अहम बात यह है कि पूजा के दौरान 16 सामग्रियों का इस्तेमाल होता है। इसमें फल, फूल, मिठाई, माला, सुहाग और अन्य वस्तुएं शामिल होना जरूरी हैं। इन सभी चीजों की संख्या 16 होनी चाहिए। पूजा के दौरान मां पार्वती का ध्यान करें। इससे दांपत्य जीवन के कष्ट दूर होंगे और मनोकामना पूरी होगी।

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