गुना – (ईपत्रकार.कॉम) |माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों की परिचर्या एवं भरण-पोषण करना उनके बच्चों अथवा उनकी संपत्ति का उपयोग करने वाले का दायित्व है। इस दायित्व का निर्वहन न करने पर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 व माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण कल्याण अधिनियम, 2007 के अंतर्गत माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों को कानूनन अपनी परिचर्या व भरण-पोषण प्राप्त करने का कानूनन अधिकार है।
उक्त विचार नालसा (वरिष्ठ नागरिकों के लिये विधिक सेवायें) योजना 2016 के अंतर्गत जिला जज/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना श्री राजेश कुमार कोष्टा के आदेश पर अपना घर वृद्धाश्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना द्वारा आयोजित किये गये विधिक साक्षरता शिविर में अपर जिला न्यायाधीश व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गुना श्री ए0के0मिश्र द्वारा व्यक्त किये गये।
इस अवसर पर श्री मिश्र ने मोटर व्हीकल एक्ट के संबंध में जानकारी देते हुये बताया कि लोकमार्ग पर वाहन का परिचालन वैध दस्तावेजों जैसे- ड्रायविंग लाइसेंस, इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन इत्यादि के साथ सावधानी एवं सुरक्षापूर्वक यातायात नियमों का पालन करते हुये करना चाहिये। बिना वैध दस्तावेजों के वाहन चलाने पर यदि वाहन से दुर्घटना होती है। तो घायल या मृतक को क्षतिपूर्ति जो कि लाखों रूपये में हो सकती है, के भुगतान का दायित्व वाहन चालक व वाहन मालिक पर व्यक्तिगत रूप से आता है। जबकि वाहन के कागजाद होने पर क्षतिपूर्ति का दायित्व बीमा कंपनी पर रहता है।
कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को बिस्किट एवं स्वल्पाहार वितरित किया गया। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दीपक शर्मा, केयरटेकर श्री जावेद खान सहित आश्रम में रह रहे वृद्धजन उपस्थित रहे।