रातभर मची गहमागहमी के बाद नीतीश लेंगे सुबह 10 बजे मुख्यमंत्री की शपथ

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पटना – बिहार की राजनीति में एक ही रात में कई नए मोड़ देखने को मिले। पहले नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के करप्शन के मुद्दे पर इस्तीफा देते हुए गठबंधन तोड़ा तो बीजेपी ने उन्हें अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया। नीतीश का शपथग्रहण गुरुवार को शाम 5 बजे होना था।

तेजस्वी की अगुवाई में आरजेडी-कांग्रेस ने भी सरकार बनाने की दावेदारी पेश करने का ऐलान कर दिया था। आधी रात को नीतीश कुमार गवर्नर से मिलने राजभवन पहुंचे। बता दें कि गवर्नर की तबीयत खराब थी और वह कुछ देर पहले ही राजभवन पहुंचे थे।

नीतीश कुमार ने 132 विधायकों की सूची के साथ सरकार बनाने की दावेदारी पेश की। राजभवन से बाहर आने के बाद सुशील मोदी ने मीडिया को जानकारी दी कि राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने गुरुवार को सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण समारोह का न्योता दिया है।

इस खबर के मिलने के बाद तेजस्वी ने ट्वीट किया,’राज्यपाल ने हमें सुबह 11 बजे का समय दिया और अब अचानक उन्होंने NDA को सुबह 10 बजे शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित कर दिया। इतनी जल्दबाजी क्या थी श्रीमान ईमानदार और नैतिक? ‘

इसके बाद तेजस्वी यादव ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और उसी समय राजभवन पहुंचने की बात की। उन्होने कहा कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी अगर उन्हें दावेदारी का मौका नहीं दिया जाता तो वे धरना करेंगे। उन्होंने नीतीश पर तंज कसते हुए कहा कि अपने विधायकों की अंतरआत्मा की आवाज भी सुन लीजिए।

उन्होंने दावा किया कि JDU के आधे विधायक उनके सम्पर्क में थे और इसी कारण कुमार सरकार बनाने का दावा करने के लिए आधी रात में ही राजभवन गए।

तेजस्वी ने कहा, ‘अगर नीतीश कुमार जी को अपने नैतिक मूल्यों और अपनी ईमानदारी पर गर्व है, तो वह सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आधी रात में नहीं जाते। ईमानदार व्यक्ति को भय नहीं होता।’

तेजस्वी यादव की अगुवाई में RJD-कांग्रेस विधायकों का एक बड़ा हुजूम राजभवन की तरफ मार्च निकालते हुए बढ़ा। उनके साथ चल रहे विधायक नारेबाजी कर रहे थे और शपथ ग्रहण समारोह के अचानक हुए समय बदलाव को अपने और बिहार की जनता के साथ एक बड़ा धोखा मान रहे थे। लग रहा था कि शायद ये लोग धरना प्रदर्शन करेंगे पर कुछ ही देर में राज्यपाल ने तेजस्वी और 5 RJD नेताओं को अंदर बुला लिया।

राजभवन से बाहर निकलकर तेजस्वी ने मीडिया को बताया कि उन्होंने राज्यपाल से कहा कि सबसे बड़ा दल होने के नाते उन्हें भी दावेदारी पेश करने का मौका मिलना चाहिए था। तेजस्वी ने बताया, ‘राज्यपाल ने कहा कि अब तो मैंने लेटर दे दिया है और इसे बदला नहीं जा सकता।’ तेजस्वी ने कहा कि वह इस मामले में कानूनी सलाह लेंगे और नकारात्मक राजनीति नहीं करेंगे।

बता दें कि नीतीश का मुख्यमंत्री के तौर पर यह छठा कार्यकाल होगा। सुबह 10 बजे नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।

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