नई दिल्ली. दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन बनाने का दावा करने वाली ‘रिंगिंग बेल्स’ पहला फोन मार्केट में पेश करने से पहले ही मुसीबतों में घिर गई है। सूत्रों की मानें तो रिंगिंग बेल्स के प्रेसिडेंट अशोक चड्ढा अपनी पोस्ट से हट गए हैं। अब वे कंपनी में केवल एक कन्सल्टेंट के तौर पर काम करेंगे। इस बीच, कंपनी के 30-35 इम्प्लॉइज भी नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। कंपनी 251 रुपए के हर फोन पर 31 रुपए के प्रॉफिट का दावा कर रही थी। लेकिन सूत्रों का दावा है कि हर एक फोन बनाने पर कंपनी को 950 रुपए का नुकसान हो रहा है।
कंपनी के प्रमोटर से नहीं बन रही थी…
– माना जा रहा है कि फरवरी में जब 251 रुपए वाले फोन को पेश किया गया था, तब चड्ढा को कंपनी के प्रेसिडेंट के तौर पर पेश किया गया था।
– हालांकि, फाइनेंशियल मामलों पर कंपनी के प्रमोटर मोहित गोयल के साथ उनकी नहीं बन रही थी।
– चड्ढा से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया।
– अब गोयल ही कंपनी को पूरी तरह से चलाएंगे।
– चड्ढा का कंपनी में अब कोई एक्टिव रोल नहीं रहा।
– ये भी बताया जा रहा है कि चड्ढा को कभी रिंगिंग बेल्स ने अप्वाइंट ही नहीं किया था। वे हमेशा से ही कन्सल्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे।
इम्प्लॉइज भी छोड़ रहे कंपनी
– जानकारों के मुताबिक, जब रिंगिंग बेल्स को शुरू किया गया था, तब इसमें करीब 60 इम्प्लॉई काम कर रहे थे।
– लेकिन करीब 30 से 35 इम्प्लॉई कंपनी को छोड़कर जा चुके हैं।
– स्मार्टफोन के मार्केट में नहीं आने से कंपनी को उम्मीद के मुताबिक डिस्ट्रिब्यूर भी नहीं मिले।
– ऐसे में, कंपनी की सेल्स और मार्केटिंग टीम ने कंपनी को छोड़ने का फैसला लिया।
हर फोन पर 950 रुपए का नुकसान
– सूत्रों ने बताया कि कंपनी को फंडिंग को लेकर कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा रहा है।
– हर फोन की प्रोक्योरमेंट कॉस्ट करीब 1,200 रुपए पड़ रही है।
– इसका मतलब है कि कंपनी को हर फोन पर 950 रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
– इससे पहले मैनेजमेंट का कहना था कि कंपनी एक फोन पर 31 रुपए का प्रॉफिट कमाएगी।