नवरात्र के नौ दिन माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और आज की बात करें तो आज यानि नवरात्र के दूसरे दिन मां को द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है और इनकी पूजा से भक्तों और सिद्धों को अनंतफल प्राप्त होता है, क्योंकि इनको सिद्धि और विजय प्रदान करने वाली देवी कहते है।
विद्याप्राप्ति के लिए मंत्र:
ब्रह्मचारिणी का विद्यामंत्र-
या देवी सर्व भूतेषु, विद्या रूपेण संस्थिता।।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।।
- विद्या प्राप्ति के लिए चमेली या किसी भी सफ़ेद फूल को 6 लौंग और एक टुकड़े कपूर के साथ ‘ या देवी रूप देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण संस्थिता नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम: ‘ पढ़ते हुए 45 आहुतियां हर दिन मां भवानी यानि मां दुर्गा के सामने देने से उत्तम विद्या प्राप्त होती है और विद्या में सफलता मिलती है।
- अब अगर पढ़ाई में आपके बच्चे कमज़ोर हैं तो बच्चे के सिर से पैर तक एक धागा नाप कर तोड़ लें अब इस मंत्र का उच्चारण करते हुए इस धागे को 45 गांठे लगा दें और इसे माता को समर्पित कर दें।
- इसी के साथ बच्चे से नवरात्र भर इस धागे से मंत्र जाप करवाएं और फिर नवरात्र की नवमी को इस धागे को जल में प्रवाहित कर दें। इससे आपके बच्चे में विद्या का विकास होगा और उसे सफलता मिलेगी।