मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अपरान्ह में हुई वर्षा और आँधी की सूचना मिलने पर सभी महत्वपूर्ण कार्य छोड़कर उज्जैन पहुंचे। उन्होंने स्थानीय विश्रामगृह में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर मेला क्षेत्र में विभिन्न बुनियादी व्यवस्थाओं की बहाली के निर्देश दिये। इस दौरान उन्होंने जनप्रतिनिधियों के साथ भी विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक सप्ताह में दो-दो प्राकृतिक आपदा से निपटने और शाही स्नान को सफल बनाने में शासकीय सेवकों ने जो एकजुटता, समर्पण और निष्ठा दिखाई है, वह सचमुच सम्मान के काबिल है। सिंहस्थ में जुटे सभी शासकीय सेवकों को 5-5 हजार रूपये की सम्मान निधि से नवाजा जायेगा। सभी विभाग के कर्मठ शासकीय सेवकों ने न सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाई बल्कि 20-20 घण्टे भी सेवा करने का अदभुत साहस दिखाया। ऐसे शासकीय सेवकों को निश्चित ही सम्मानित किया जाना चाहिए। मैदान में जुटे ऐसे गौताखोर और सफाई कर्मियों को भी चिन्हांकित कर सम्मान प्रदान किया जाएगा। चर्चा के दौरान प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, सांसदद्वय डॉ, चिन्तामणि मालवीय, श्री मनोहर ऊंटवाल, विधायक सर्वश्री मोहन यादव, श्री अनिल फिरोजिया, पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री रायसिंह सेंधव, श्री अरविंद मेनन आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ महाकुंभ में आने वाली जनता को भी मैं प्रणाम करता हूँ। जिन्होंने संयम के साथ अपनी आस्था और श्रद्धा को अमृत्व प्रदान किया। तेरह अखाड़ों के सभी संत-महंत, योगी, गिरी, दास व महामंडलेश्वरों ने सानंद शाही स्नान संपन्न करवाया। सभी का मैं आभारी हूँ।