सीएम हेल्पलाइन – निराकरण में ग्वालियर का नाम शीर्ष के पाँच जिलों में

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ग्वालियर – ईपत्रकार.कॉम | समाधान ऑनलाइन में समीक्षा के लिये चयनित सीएम हेल्पलाइन के 7 विषयों से संबंधित शिकायतों के निराकरण में ग्वालियर जिला प्रदेश के शीर्ष पाँच जिलों में शुमार हो गया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं मुख्य सचिव श्री बीपी सिंह द्वारा गुरूवार की देर शाम समाधान ऑनलाइन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्वालियर जिला सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में पाँचवे स्थान पर पहुँच गया है। समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि का ध्यान रखते हुए ग्वालियर जिले में 87 प्रतिशत शिकायतें निराकृत की गई हैं।

सीएम हेल्पलाइन में जिले में चयनित विषयों की 476 शिकायतें लंबित थीं। इन शिकायतों के निराकरण के लिये कलेक्टर श्री जैन के निर्देशन में जिले में विशेष अभियान चलाया गया। वर्तमान में केवल 62 शिकायतें लंबित रह गई हैं। मालूम हो गत एक अगस्त को हुई समाधान ऑनलाइन की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 7 विषयों से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिये सभी जिलों को निर्देश दिए गए थे।

सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के त्वरित निराकरण के लिये कलेक्टर श्री राहुल जैन ने विशेष रणनीति बनाई है। साथ ही गुणवत्तापूर्ण निराकरण और शिकायतकर्ता की संतुष्टि पर उन्होंने विशेष जोर दिया है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों से कलेक्टर स्वयं भी मोबाइल फोन से चर्चा करते हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को भी शिकायतकर्ताओं से सीधी बात कर समस्याओं को निराकृत कराने के निर्देश दिए हैं। इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।

ये हैं सात विषय
१. खाद-बीज नहीं मिलने अथवा उनकी कालाबाजारी व गुणवत्ता संबंधी शिकायतें।
२. सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षाओं का संचालन, शिक्षकों के विलम्ब से आने या गैर हाजिर रहने और शालायें बंद रहने संबंधी शिकायतें।
३. सड़क व सार्वजनिक स्थलों की साफ-सफाई, कचने का निपटान, शौचालय इत्यादि से संबंधित शिकायतें।
४. किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि साख संस्थायें व सहकारी बैंक आदि से संबंधित शिकायतें।
५. राष्ट्रीयकृत बैंकों से फसल बीमा का लाभ न मिलने संबंधी शिकायतें।
६. निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत शौचालय निर्माण व प्रोत्साहन राशि, शौचालय विहीन शालाओं व आंगनबाड़ी संबंधी शिकायतें।
७. जननी सुरक्षा योजना का लाभ न मिलने अथवा देर से मिलने की शिकायतें।

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